सहरसा जिले के जलई थाना क्षेत्र अंतर्गत गोड़ियारी गांव में सोमवार की देर रात भीषण अगलगी की घटना सामने आई, जिसमें दर्जन से अधिक घर जलकर राख हो गए। इस भीषण अग्निकांड ने न केवल कई परिवारों का आशियाना छीन लिया, बल्कि गांव में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल भी बना दिया। आग किस घर से शुरू हुई, इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन धीरे-धीरे आग ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते पूरा गांव आग की लपटों में घिर गया।

**रातभर मचा रहा कोहराम**
ग्रामीणों के अनुसार, सोमवार रात लगभग 11 बजे अचानक एक घर से धुंआ निकलते देखा गया। शुरू में लोगों को समझ में नहीं आया कि आग किस वजह से लगी, लेकिन जब लपटें उठने लगीं तो हड़कंप मच गया। ग्रामीण तुरंत बाल्टी, हैंडपंप और जो भी संसाधन उपलब्ध थे, उसके साथ आग बुझाने में जुट गए। लेकिन तेज हवा और घरों में रखे सूखे सामानों के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
**प्रशासन ने संभाला मोर्चा**
घटना की जानकारी मिलते ही जलई थाना की थानाध्यक्ष ममता कुमारी और अंचलाधिकारी अनिल कुमार मौके पर पहुंचे। साथ में फायर ब्रिगेड की टीम भी पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। दमकल की गाड़ियां गांव तक पहुंचने में समय जरूर लगी, लेकिन जब तक वे पहुंचीं, तब तक आग बहुत कुछ निगल चुकी थी। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया।
**घरों के साथ सपने भी जल गए**
इस अग्निकांड में दर्जनों घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। कई परिवारों के पास अब सिर छुपाने के लिए छत भी नहीं बची है। घरों में रखे अनाज, कपड़े, बर्तन, जरूरी कागजात, नगदी और मवेशी तक जलकर खाक हो गए। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि दो बछड़े भी आग में झुलसकर मर गए हैं, जबकि अन्य जानवरों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया।
गांव की एक महिला, जिनका घर पूरी तरह जल गया है, रोते हुए बताती हैं, *”हमरा सब कुछ जल के राख हो गेल। अब कहां जाएब, का खाएब, बच्चा सब केतना डेरायल बा।”*
**सुबह होगा नुकसान का सही आंकलन**
अंचलाधिकारी अनिल कुमार ने घटनास्थल पर मौजूद मीडियाकर्मियों को बताया कि फिलहाल दर्जन से अधिक घरों के जलने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि राहत कार्य जारी है और अग्निकांड से प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जा रही है। नुकसान का सही आकलन मंगलवार सुबह ही संभव हो सकेगा, जब पूरा क्षेत्र का सर्वे किया जाएगा।
**ग्रामीणों ने की सहायता की मांग**
गांव के सरपंच और अन्य ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को राहत शिविर, भोजन, कपड़े और अस्थायी आवास की व्यवस्था तुरंत की जाए। इस भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहना मुश्किल है, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
**प्रशासन की प्राथमिकता – राहत और पुनर्वास**
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, प्रभावित परिवारों के लिए राहत सामग्री जैसे तिरपाल, चावल, दाल, और जरूरी दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, जो लोग पूरी तरह बेघर हो गए हैं, उनके लिए स्कूल या पंचायत भवन में अस्थायी शिविर की योजना बनाई जा रही है।
अंचलाधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि पीड़ितों को राज्य सरकार की आपदा राहत योजनाओं के अंतर्गत हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों का नामांकन कर जल्द से जल्द मुआवजा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
**गांव में पसरा सन्नाटा, आंखों में आंसू**
अग्निकांड के बाद गोड़ियारी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। बच्चों की आंखों में डर और महिलाओं की आंखों में आंसू साफ नजर आ रहे हैं। जिन घरों में कुछ घंटे पहले रौशनी और हंसी-ठिठोली थी, अब वहां राख और जले हुए सामान का ढेर पड़ा है।
**निष्कर्ष**
सहरसा के गोड़ियारी गांव में हुई यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए एक चेतावनी है बल्कि ग्रामीण इलाकों में आग से बचाव और सतर्कता की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के त्वरित राहत कार्य से जहां एक ओर राहत मिली है, वहीं यह घटना एक दर्दनाक त्रासदी के रूप में दर्ज हो गई है।
अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि सरकार पीड़ितों को कितनी जल्दी और कितनी व्यापक मदद उपलब्ध कराती है।
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