मूंगमूंग

गोपालपुर (नवगछिया)। थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव अंतर्गत एक किसान की मूंग की फसल पर आधी रात को हमला कर भारी नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया है। इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है और किसान समुदाय में आक्रोश व्याप्त है। मामले को लेकर पीड़ित किसान ने थाना में लिखित आवेदन देकर नामजद आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सैदपुर निवासी कन्हैया लाल शर्मा, पिता महावीर शर्मा ने गोपालपुर थाना अध्यक्ष को एक आवेदन सौंपा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने सैदपुर मौजा के बनकट्टा से उत्तर दिशा में मूंग की खेती की थी। वहीं आसपास के कई अन्य किसानों ने भी मूंग की फसल लगाई थी। 15 जून 2025 की रात करीब 12:00 बजे कुछ असामाजिक तत्वों ने उनकी फसल पर हमला बोल दिया।

पीड़ित के अनुसार, उक्त रात को (1) कलयुग यादव, पिता स्व. लड्डू यादव, (2) बौकु यादव, नाती बिल्लू यादव शर्मा, दोनों तीनटंगा करारी, थाना गोपालपुर, जिला भागलपुर निवासी, अपने दो अन्य अज्ञात साथियों के साथ आए और अपने पालतू घोड़ों को खेत में छोड़ दिया। इन घोड़ों ने मूंग की फसल को चरा और बर्बाद कर दिया।

मूंग
मूंग

कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि जब वे खेत पर पहुंचे और फसल चरने से मना किया, तो आरोपित गाली-गलौज पर उतर आए। विरोध करने पर कलयुग यादव और बौकू यादव ने कमर से पिस्तौल निकालकर जान से मारने की नीयत से उनकी ओर तान दिया। इसके बाद दोनों ने उन पर गोली चला दी, लेकिन वे किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग निकले और अपने घर पहुंचे।

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। आसपास के लोगों ने भी फसल नष्ट करने की बात स्वीकार की है और घटना के गवाह बनने की सहमति दी है। पीड़ित ने अपने आवेदन में गोपाल सिंह, मनोज शर्मा, प्रमोद सिंह, राजू मंडल, कुनकुन ठाकुर और राजीव कुमार को चश्मदीद गवाह बताया है।

किसान ने 16 जून 2025 को थाने में पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की लिखित जानकारी दी और आरोपितों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि मूंग की खेती में उनकी आर्थिक पूंजी लगी थी और यह फसल उनके परिवार के जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन थी।

इस घटना को लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है। उनका कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे तथा किसान खेती करने से डरने लगेंगे।

यह घटना न केवल एक किसान की पीड़ा है, बल्कि उन सैकड़ों ग्रामीण किसानों के लिए भी चेतावनी है जो मेहनत से फसल उगाते हैं और असामाजिक तत्वों की वजह से नुकसान उठाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा और न्याय की मांग की है।

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