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भागलपुर जिले के सुल्तानगंज नगर परिषद सभागार में श्रावणी मेला 2025 की तैयारियों को लेकर दूसरी महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता नगर सभापति राज कुमार गुड्डु ने की। बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, उपसभापति नीलम देवी, नगर परिषद के सभी वार्ड पार्षद, कर्मचारी तथा संबंधित पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

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बैठक का मुख्य उद्देश्य श्रावणी मेला में आने वाले लाखों कांवरियों की सुविधाओं की समीक्षा और बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना था। बैठक में कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। कांवरियों के लिए स्वच्छता, गंगा घाटों की साफ-सफाई, पीने का पानी, शौचालय, लाइटिंग और नाव की सुविधा को प्राथमिकता देने की बात कही गई। साथ ही इस बार के अनुमानित खर्च के आधार पर अगले वर्ष के बजट का खाका तैयार करने पर भी विचार किया गया।

इस बैठक में उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया जब नमामि गंगे घाट पर बने शौचालय से अवैध वसूली का मामला सामने आया। बताया गया कि कुछ लोग शौचालय से जबरन पैसे वसूल कर रहे हैं, और यह वसूली सभापति के नाम पर की जा रही थी। यह सुनते ही वार्ड सदस्यों में रोष फैल गया और बैठक में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। मामला तूल पकड़ने पर कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण के दौरान जब अवैध वसूली की पुष्टि हुई, तो शौचालय को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।

इस दौरान कई वार्ड पार्षदों ने सवाल उठाया कि यदि शौचालय को बंद कर दिया गया है, तो क्या इससे समस्या का समाधान हो गया? अधिकांश पार्षदों ने इस कदम को अस्थायी और समस्याग्रस्त बताया। उन्होंने कहा कि शौचालय बंद होने से कांवरियों को शौच के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जिससे स्वच्छता अभियान और मेला व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

वार्ड पार्षद विनोद रजक, संजय चौधरी, नवीन कुमार बन्नी, विभूति कुमार विकल्प, पंकज यादव, सुभाष कुमार, रिता देवी, सरिता देवी, रुबी देवी, कुमारी साधना, शाहीन प्रवीण, रामानंद पासवान, कृष्ण कुमार, रानी देवी, सलिता देवी, मोहम्मद इजराइल सहित अन्य पार्षदों ने मेला को लेकर अपने सुझाव और समस्याएं सामने रखीं।

बैठक में सीटी मैनेजर रविश चंद्र वर्मा, प्रधान सहायक राजीव कुमार तथा नगर परिषद के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी ने इस वर्ष मेला में बेहतर प्रबंधन के लिए सामूहिक सहयोग की बात कही। साथ ही यह भी तय किया गया कि सभी घाटों का निरीक्षण कर वहां की मूलभूत समस्याओं को चिन्हित किया जाएगा और तत्काल समाधान की दिशा में कार्य किया जाएगा।

बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि इस वर्ष संभावित खर्च को देखते हुए अगली बार के लिए विस्तृत बजट प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, ताकि योजना पहले से बनाई जा सके और कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। खासकर शौचालय और स्वच्छता को लेकर विशेष व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

अंत में नगर सभापति राज कुमार गुड्डु ने सभी पार्षदों और अधिकारियों से अपील की कि वे श्रावणी मेला को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि कांवरियों की सेवा और सुविधा ही हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

फिलहाल शौचालय बंद होने से उत्पन्न समस्या ने नगर परिषद की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर प्रशासन इस संकट से कैसे निपटता है और क्या वैकल्पिक व्यवस्था समय पर की जाती है या नहीं। श्रावणी मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में एक छोटी सी चूक भी बड़ी असुविधा का कारण बन सकती है, इसलिए सभी की नजरें नगर परिषद के आगामी कदमों पर टिकी हैं।

 

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