बिहार के मोतिहारी जिले से एक बार फिर सनसनीखेज वारदात सामने आई है। जिले के मधुबन थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात बेखौफ बदमाशों ने एक ट्रैक्टर मैकेनिक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं स्थानीय लोगों में गुस्सा भी देखा जा रहा है। मृतक की पहचान मधुबन थाना क्षेत्र निवासी **सुभान** के रूप में की गई है, जो कि पेशे से ट्रैक्टर मैकेनिक थे और खुद का गैराज चलाते थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार की देर शाम सुभान अपनी दिनभर की मेहनत के बाद गैराज बंद कर घर लौट रहे थे। जैसे ही वह अपने घर के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। बिना किसी पूर्व विवाद के उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी गईं। बताया जा रहा है कि सुभान को एक के बाद एक तीन गोलियां मारी गईं, जिससे वह मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर पड़े।
गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। जब उन्होंने देखा कि सुभान गंभीर रूप से घायल हैं, तो आनन-फानन में उन्हें स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, अस्पताल में उस वक्त कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इलाज की सुविधा नहीं मिलने के कारण सुभान ने थोड़ी ही देर में दम तोड़ दिया। सुभान की मौत की खबर फैलते ही परिजनों में कोहराम मच गया और पूरा इलाका गमगीन हो उठा।
घटना की सूचना मिलते ही मधुबन थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल की जांच की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
फिलहाल, हत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। ना ही यह पता चल पाया है कि सुभान की किसी से कोई रंजिश थी या नहीं। पुलिस का कहना है कि घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि बदमाशों की पहचान की जा सके। पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर अस्पताल में डॉक्टर मौजूद होते और समय रहते इलाज मिल जाता, तो सुभान की जान बचाई जा सकती थी। लोगों ने यह भी कहा कि इलाके में पुलिस की सक्रियता नहीं के बराबर है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
सुभान एक मेहनतकश व्यक्ति थे, जो वर्षों से ट्रैक्टर मरम्मत का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा तीन छोटे बच्चे हैं। उनकी मौत से न केवल परिवार का सहारा छिन गया, बल्कि समाज ने एक कर्मठ नागरिक भी खो दिया।
इलाके में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार बढ़ रहे आपराधिक मामलों के बीच आम लोगों में भय और असुरक्षा की भावना पनप रही है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए, और साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए ताकि किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी ना झेलनी पड़े।
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। हालांकि यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या आम आदमी बिहार में सुरक्षित है?
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
सहरसा किलकारी बाल भवन में 3 से 22 जून तक रचनात्मक छुट्टियों का आयोजन