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बिहार के सिवान जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग की टीम ने शनिवार को एक राजस्व कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी राजस्व कर्मचारी गिरिश तिवारी, जो कि सिवान जिले के लकड़ीनबीगंज प्रखंड में पदस्थापित था, को जमीन के दाखिल-खारिज (mutation) के नाम पर 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। इस कार्रवाई के बाद पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है, वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की इस पहल की चारों ओर सराहना हो रही है।

### **कैसे हुआ खुलासा?**

इस पूरे मामले की शुरुआत गोपालपुर गांव निवासी अजित कुमार सिंह की शिकायत से हुई। अजित कुमार सिंह ने निगरानी विभाग से संपर्क कर बताया कि उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन की दाखिल-खारिज करानी है, लेकिन संबंधित राजस्व कर्मचारी गिरिश तिवारी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 35 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो उनका काम टालमटोल किया जा रहा था और बार-बार परेशान किया जा रहा था।

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### **निगरानी विभाग की योजना और जाल**

शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग सतर्क हो गया। पटना से विजिलेंस की विशेष टीम सिवान पहुंची और पहले पूरे मामले की गहनता से जांच की। इसके बाद टीम ने एक योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। अजित कुमार सिंह को रिश्वत की तय राशि के साथ भेजा गया और टीम ने तकनीकी साधनों की मदद से पूरा ऑपरेशन रिकॉर्ड किया।

जैसे ही गिरिश तिवारी ने 35 हजार रुपये लिए, टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसे तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और इसके बाद विजिलेंस की टीम उसे लेकर पटना रवाना हो गई, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है।

### **पहले भी लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप**

गिरफ्त में आया राजस्व कर्मचारी गिरिश तिवारी कोई नया नाम नहीं है। उस पर पहले भी भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोप लग चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरिश तिवारी अक्सर दाखिल-खारिज, नक्सा, दाखिला, रसीद आदि के नाम पर लोगों से अवैध वसूली करता था। हालांकि, पहले उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार वह निगरानी विभाग के जाल में फंस गया।

### **विभाग में मचा हड़कंप**

विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारी और कर्मचारी सकते में हैं और अब विभागीय बैठकों में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस घटना के बाद अब अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ाई जाएगी और राजस्व कर्मियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

### **विजिलेंस अधिकारियों का बयान**

इस कार्रवाई के बाद निगरानी विभाग के डीएसपी राजेन्द्र प्रसाद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया:

> “हमें शिकायत मिली थी कि अजित कुमार सिंह नामक व्यक्ति से लकड़ीनबीगंज प्रखंड में तैनात राजस्व कर्मचारी गिरिश तिवारी ने दाखिल-खारिज कराने के लिए 35 हजार रुपये की मांग की है। हमने शिकायत को गंभीरता से लिया और एक टीम बनाकर सिवान भेजी। आज जब रिश्वत ली जा रही थी, उसी समय हमारी टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। फिलहाल उसे पटना लाया जा रहा है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है।”

### **भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया**

बिहार सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। विशेष रूप से जमीन से जुड़े मामलों में आम लोगों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दाखिल-खारिज, जमाबंदी, खेसरा, नक्शा, रसीद जैसे दस्तावेजों की प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार आम हो चला है। ऐसे में विजिलेंस की इस कार्रवाई को आम जनता के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

### **स्थानीय लोगों ने की सराहना**

गोपालपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने निगरानी विभाग की कार्रवाई की सराहना की है। स्थानीय निवासी सुरेश यादव ने कहा,

> “गिरिश तिवारी हमेशा पैसों की मांग करता था। बिना पैसे के कोई भी सरकारी काम नहीं करता था। आज उसे पकड़ा गया है, यह हम सबके लिए राहत की बात है।”

### **अंतिम टिप्पणी**

राजस्व विभाग जैसे संवेदनशील और जनसंपर्क आधारित क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। गिरिश तिवारी जैसे कर्मियों पर सख्त कार्रवाई से न केवल जनता का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि अन्य कर्मचारियों के लिए भी यह एक चेतावनी साबित होगी कि अब भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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By admin

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