भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत माछीपुर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गांव में शनिवार की दोपहर एक सात साल की मासूम बच्ची रुखसार को उस समय गोली लग गई, जब वह अपने घर के पास खेल रही थी। यह हादसा न केवल गांव में दहशत का कारण बन गया, बल्कि इलाके में कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद घायल रुखसार को आनन-फानन में भागलपुर के मायागंज स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज गंभीर हालत में जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक, गोली रुखसार के दाहिने पैर में लगी है और ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है। बच्ची इस वक्त डॉक्टरों की विशेष निगरानी में है।

परिजनों ने बताया कि गोली चलाने का मकसद रुखसार नहीं, बल्कि उसके पिता थे। दरअसल, रुखसार के पिता और गांव के ही निवासी कामिल के बीच एक पुराने जमीन विवाद को लेकर तनाव चल रहा था। इस विवाद ने उस वक्त खतरनाक मोड़ ले लिया जब कामिल ने गुस्से में आकर फायरिंग कर दी। दुर्भाग्य से, उसी समय पास में खेल रही रुखसार को गोली लग गई।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर चंद्रशेखर और स्थानीय थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार फौरन मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि विवाद उस जमीन को लेकर था जहां से एक रास्ता गुजरता है। आरोपी कामिल उस रास्ते को खोलने का विरोध कर रहा था, और इसी वजह से दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि बात हाथापाई तक पहुंच गई और फिर कामिल ने पिस्तौल निकालकर गोली चला दी।
पुलिस ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। मौके पर एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है जो साक्ष्यों की बारीकी से जांच कर रही है। आरोपी कामिल के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह घटना केवल आपसी रंजिश नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली हरकत है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इधर बच्ची के परिवार वाले गहरे सदमे में हैं। रुखसार की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “हमारी बच्ची तो बस खेल रही थी, उसे क्या मालूम था कि किसी की दुश्मनी की कीमत उसे चुकानी पड़ेगी। हम बस यही चाहते हैं कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और हमारी बच्ची सही सलामत ठीक हो जाए।”
गांव के लोगों में भी भारी आक्रोश है। कई ग्रामीणों ने बताया कि जमीन विवादों को लेकर इस इलाके में पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से ऐसे मामले समय पर सुलझ नहीं पाते और इसका नतीजा अब एक मासूम बच्ची को भुगतना पड़ रहा है।
भागलपुर प्रशासन की ओर से अब इस मामले पर विशेष नजर रखी जा रही है। डीएसपी चंद्रशेखर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बच्ची की हालत गंभीर है लेकिन फिलहाल स्थिर है। अपराधी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। जमीन विवादों को लेकर हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।”
इस घटना ने न केवल माछीपुर गांव बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक मासूम बच्ची जो अपनी छोटी सी दुनिया में खोई हुई थी, आज अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। सवाल यह है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग ऐसे विवादों की भेंट चढ़ते रहेंगे? और कब तक प्रशासन समय रहते सख्ती बरतेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों?
फिलहाल सभी की नजरें बच्ची की हालत पर टिकी हैं और गांववाले प्रशासन से त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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