बिहार के नवादा जिले से एक चौंकाने वाला और हैरान करने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और आम जनता को सकते में डाल दिया है। नवादा पुलिस ने एक ऐसे साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो “ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब” और देश की “नंबर वन 5G टेलिकॉम कंपनी” के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने का काम कर रहा था। इस गिरोह का सरगना महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के नाम पर लाखों रुपये की कमाई का सपना दिखाकर युवाओं को झांसे में लेता था।
पुलिस अधीक्षक (SP) अभिनव धीमान के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने इस साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड राजेश कुमार को गिरफ्तार किया है। साथ ही इस गिरोह में शामिल तीन नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति के नेतृत्व में की गई।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान और गिरोह का modus operandi
गिरफ्तार मुख्य आरोपी की पहचान नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव निवासी 26 वर्षीय राजेश कुमार के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, राजेश एक संगठित साइबर गिरोह का संचालन कर रहा था। वह “ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब” और एक फर्जी 5G टेलिकॉम कंपनी के नाम पर लोगों को घर बैठे काम करने और मोटी कमाई का लालच देता था। इसके लिए आरोपी अखबारों, सोशल मीडिया और प्रतिबिंब पोर्टल पर आकर्षक विज्ञापन देता था, जिसमें हर महीने ₹22,500 से ₹75,500 तक की कमाई, साथ ही फ्री मोबाइल और लैपटॉप देने का झांसा दिया जाता था।
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इस गिरोह का एक तरीका यह भी था कि वह युवाओं को निःसंतान महिलाओं को प्रेग्नेंट कर उनके पति की सहमति से लाखों की कमाई करने का सपना दिखाता था। इसके लिए पंजीकरण, कागजात और फर्जी प्रशिक्षण जैसे कई चरणों के नाम पर युवाओं से ठगी की जाती थी।
नाबालिगों की संलिप्तता और जब्त सामान
पुलिस ने इस साइबर गिरोह में शामिल तीन विधि विरुद्ध बालकों को भी पकड़ा है, जिनमें दो की उम्र 17 और एक की 16 वर्ष बताई जा रही है। इन नाबालिगों का इस्तेमाल ठगी के कॉल करने, मोबाइल नंबरों के लेन-देन, और सोशल मीडिया पर प्रचार करने के लिए किया जाता था। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से पांच स्मार्टफोन और एक कीपैड फोन जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन उपकरणों का उपयोग ठगी की गतिविधियों में किया जाता था।
कानूनी कार्रवाई और केस दर्ज
इस पूरे मामले में साइबर थाना नवादा में कांड संख्या 85/25 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस केस में भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं जिनमें धारा 303(2), 318(2), 318(4), 319(2), 336(2), 336(3), 338, 340(2), 111 और 61(2) शामिल हैं। ये सभी धाराएं साइबर अपराध, धोखाधड़ी, साजिश और नाबालिगों के शोषण से संबंधित हैं।
पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ था। पुलिस ने यह भी बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और तलाश के लिए छापेमारी जारी है।
जनता से अपील और चेतावनी
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कंपनी या व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे अव्यवहारिक और संदिग्ध प्रस्तावों से सतर्क रहें। “प्रेग्नेंट जॉब” जैसी स्कीम न केवल सामाजिक रूप से अमान्य हैं, बल्कि यह गंभीर आपराधिक साजिश का हिस्सा भी हो सकती हैं।
साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति ने बताया कि लोगों को रोजगार के नाम पर लुभाना, भावनात्मक और सामाजिक कमज़ोरियों का फायदा उठाना इस गिरोह की मुख्य रणनीति थी। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर जागरूकता ही इस तरह के अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
निष्कर्ष
नवादा पुलिस की यह कार्रवाई साइबर ठगों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह मामला एक बार फिर यह स्पष्ट करता है कि तकनीक के इस युग में जहां एक ओर अवसरों की भरमार है, वहीं दूसरी ओर धोखाधड़ी के खतरे भी उतने ही गंभीर हैं। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से जहां आम जनता में विश्वास बढ़ा है, वहीं यह अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता।
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