शनिवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। यह पर्व माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। शनिवार को सुबह 3:47 से शुरू हो रही पंचमी छह फरवरी को सुबह 3:46 तक रहेगी । शनिवार को बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह 6:50 से दिन में 12 तक श्रेष्ठ है।
इस वर्ष 3 ग्रहों का योग निर्मित हो रहा है। शनिवार का दिन है, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र व सिद्ध नामक योग मिल रहा है। अत: इस बार की बसंत पंचमी सर्वमंगलकारी है। शुभकारी योग के चलते शादियों के साथ ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी।
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मान्यता है कि बसंत पंचमी से शीत ऋतु का समापन होता है और गर्मी के मौसम की शुरुआत। सूर्य देव माघ के महीने में अपनी गति को बढ़ा देते हैं और दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं। खेतों में खिले सरसों के फूल जहां बसंत के आने की आहट दे रहे हैं तो दूसरी ओर होलिका दहन को लेकर स्थानों के चयन पर मंथन चल रहा है।
प्रहलाद के स्वरूप अरंड की डाल को भी होलिका दहन के स्थान पर स्थापित किया जाएगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मार्च में विवाह मुहूर्त नहीं है। 15 अप्रैल से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे और 10 जुलाई तक रहेंगे। 10 जुलाई से देवशयनी एकादशी से चार नवंबर देवोत्थानी एकादशी तक चातुर्मास होने के कारण चार माह तक विवाह आदि कार्य नहीं होंगे। इस लिए बसंत पंचमी के दिन शादी का सबसे अच्छा मुहूर्त है। निरालानगर के रामकृष्ण मठ में सरस्वती पूजा पर धार्मिक आयोजन होंगे। उप्र संस्कृत संस्थान, गोमतीनगर के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान सहित कई स्थानों पर पूजन होगा।