बकरीदबकरीद


भागलपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में आज बकरीद का पर्व बड़े ही उत्साह, श्रद्धा और सौहार्द के साथ मनाया गया। जिले के प्रमुख ईदगाहों और मस्जिदों में हजारों की संख्या में लोगों ने एकत्र होकर विशेष नमाज अदा की और देश-समाज में अमन-चैन की दुआ मांगी।

सुबह से ही सहजांगी, बरहपुर, चंपानगर, सीटीएस मैदान, ततारपुर, अलीगंज, बरारी, खंजरपुर, आदमपुर समेत भागलपुर के तमाम क्षेत्रों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के चेहरों पर रौनक और खुशी साफ देखी गई। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और परंपरागत रूप से मिठाइयों व सेवइयों का आदान-प्रदान किया।

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इस पावन अवसर पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पर्व से एक दिन पहले जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी, वरीय पुलिस अधीक्षक हृदयकांत, डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने शहर में फ्लैग मार्च निकाला था। उन्होंने आमजन से शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की थी।

आज पर्व के दिन पूरे जिले में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। संवेदनशील इलाकों में विशेष पुलिस टीमों को तैनात किया गया, प्रमुख चौक-चौराहों पर सघन गश्ती की गई और ड्रोन कैमरों से पूरे शहर पर नजर रखी गई। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी प्रशासन की नजर रही, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या आपत्तिजनक सामग्री के फैलाव को रोका जा सके।

इस बार का बकरीद पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि आपसी सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का संदेश भी देता नजर आया। चंपानगर से आए बुजुर्ग नमाजी मोहम्मद जमशेद ने कहा, “बकरीद हमें कुर्बानी का महत्व सिखाती है। यह केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि त्याग और समर्पण की भावना का प्रतीक है। हमें चाहिए कि हम सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करते हुए देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें।”

इसी बीच, इस पर्व पर एक हिंदू संत का भी बयान चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने कहा, “जब हिंदू और मुस्लिम एक हो जाएंगे, तो अपना भारत देश स्वर्ग से भी सुंदर हो जाएगा। ये बातें बड़े-बड़े ऋषि, मुनि और पीर-फकीर कहकर गए हैं। जय बाबा भोलेनाथ, खुदा हाफिज।” उनके इस उद्गार को लोगों ने खुले दिल से सराहा, और यह भाईचारे का संदेश पूरे क्षेत्र में गूंजता रहा।

बकरीद की रौनक बाजारों में भी दिखी। त्योहार को लेकर बाजारों में चहल-पहल रही, लोग नए कपड़े, मिठाइयां, सजावटी सामान और कुर्बानी के जानवर खरीदते नजर आए। बच्चों और युवाओं में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह दिखा। रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे बच्चे, घरों में बने स्वादिष्ट व्यंजन और दिनभर चलने वाले आपसी मेल-मिलाप ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया।

घर-घर में बिरयानी, सिवइयां, कबाब और तरह-तरह के व्यंजनों की खुशबू फैल रही थी। रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर मिलने-जुलने का सिलसिला भी दिनभर चलता रहा। त्योहार के इस उल्लासमय माहौल में हर चेहरा मुस्कुराता नजर आया।

कुल मिलाकर, भागलपुर में इस बार की बकरीद न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही, बल्कि यह पर्व लोगों के दिलों को जोड़ने का भी माध्यम बना। प्रशासन की सतर्कता, नागरिकों की जिम्मेदारी और धार्मिक सौहार्द ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि पर्व शांतिपूर्ण और गरिमापूर्ण ढंग से संपन्न हो।

यह त्योहार हर वर्ष की तरह इस बार भी त्याग, समर्पण और भाईचारे का अनुपम संदेश देकर गया, जो समाज को एकजुट रहने की प्रेरणा देता है। बकरीद केवल एक पर्व नहीं, एक भावना है — जो बताती है कि जब हम स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए सोचते हैं, तभी सच्चे अर्थों में मानवता जीवित रहती है।

 

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