भागलपुर शहर के अलीगंज इलाके में चार दिन पहले हुए भीषण सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए डॉक्टर राकेश कुमार यादव की मौत हो गई। वे मायागंज स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती थे, जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन आखिरकार शनिवार को उन्होंने जिंदगी की जंग हार दी। उनकी मौत की खबर सुनते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जबकि चिकित्सा जगत ने एक संवेदनशील और समर्पित डॉक्टर को खो दिया।
डॉ. राकेश कुमार यादव एक निजी पैथोलॉजी लैब के संचालक थे और भागलपुर के गौराचक्की इलाके में अपनी सेवा देते थे। वे न केवल एक कुशल चिकित्सक बल्कि मरीजों के बीच एक संवेदनशील इंसान के रूप में लोकप्रिय थे। हादसे वाले दिन वे अपने घर से गौराचक्की जाने के लिए निकले थे। उसी दौरान अलीगंज के पास वारसलीगंज में एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वे मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए और सड़क पर लहूलुहान अवस्था में गिर पड़े।

स्थानीय लोगों ने जब डॉक्टर राकेश को इस हालत में देखा, तो तुरंत उनके परिजनों को सूचना दी और 108 एंबुलेंस की सहायता से उन्हें आनन-फानन में मायागंज अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां लगातार चार दिनों तक उनका इलाज किया गया। लेकिन उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और शनिवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉक्टरों ने बताया कि सिर और छाती में गंभीर चोटें आने के कारण उनकी हालत लगातार नाजुक बनी रही।
डॉ. राकेश की मौत की खबर जैसे ही उनके मोहल्ले और परिचितों तक पहुंची, पूरा इलाका शोक में डूब गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक डॉक्टर अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। उनका असमय निधन परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि डॉक्टर राकेश न सिर्फ अच्छे चिकित्सक थे, बल्कि गरीबों का विशेष ध्यान रखते थे। अक्सर वह मुफ्त में जांच कर देते थे और दवाओं में भी सहायता करते थे। मरीजों के प्रति उनका व्यवहार बेहद मानवीय और संवेदनशील था। यही वजह थी कि इलाके में उनका गहरा सम्मान था।
इस दुखद घटना के बाद एक बार फिर शहर में सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना में शामिल अज्ञात वाहन और चालक की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसे मामलों में शीघ्र न्याय न मिला, तो भविष्य में और भी निर्दोष लोग सड़क पर लापरवाही की भेंट चढ़ सकते हैं।
फिलहाल, पुलिस अज्ञात वाहन की तलाश में जुटी है। इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि आरोपी वाहन का सुराग मिल सके। थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि दोषी को जल्द गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यातायात नियमों की अनदेखी किस हद तक जानलेवा हो सकती है। डॉक्टर राकेश जैसे समर्पित लोगों का इस तरह जाना समाज के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। उनकी यादें और सेवाएं हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां यातायात नियंत्रण और सड़क सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाएं।
डॉ. राकेश कुमार यादव के निधन पर कई सामाजिक संगठनों, चिकित्सा संघों और आम नागरिकों ने गहरा शोक जताया है। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और नम आंखों से उन्हें विदाई दी। यह दुर्घटना एक संवेदनशील चिकित्सक की जिंदगी की दुखद समाप्ति का उदाहरण बन गई है, जिसने न जाने कितनों की जिंदगी में रोशनी दी थी।
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