इस वक्त की बड़ी और दुखद खबर बिहार के सहरसा जिले से है, जहां मंगलवार की रात आई तेज आंधी और बारिश ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। सहरसा के कोपरिया पंचायत स्थित बनकटी वार्ड नंबर 18 में आंधी ने ऐसा कहर बरपाया कि रमेश चौधरी का घर धराशायी हो गया। इस हादसे में उनके 13 वर्षीय पुत्र लवकुश कुमार की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि रमेश चौधरी खुद घायल हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार की देर रात अचानक मौसम ने करवट ली और पूरे जिले में तेज आंधी और बारिश शुरू हो गई। मौसम के इस बदले मिजाज से लोग सहम गए। इसी दौरान कोपरिया पंचायत के बनकटी वार्ड नंबर 18 में रहने वाले रमेश चौधरी अपने परिवार के साथ घर में मौजूद थे। उनका मकान एस्बेस्टस की छत वाला कच्चा घर था, जो आंधी की चपेट में आ गया।

परिवार के लोगों ने बताया कि जैसे ही तेज हवा शुरू हुई, सभी लोग छत वाले कमरे में जाकर शरण लेने लगे। लेकिन हवाएं इतनी तेज थीं कि एस्बेस्टस की छत उड़ गई और उसका एक भारी टुकड़ा सीधे लवकुश के सिर पर आकर गिर गया। टुकड़ा गिरते ही लवकुश की हालत गंभीर हो गई। परिवार के लोगों ने तत्काल उसे प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे सहरसा सदर अस्पताल रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने लवकुश को मृत घोषित कर दिया।
लवकुश की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रमेश चौधरी भी इस हादसे में घायल हुए हैं, हालांकि उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है। राहत और मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
इसी बीच, जिले के पतरघट प्रखंड से भी एक बड़ी खबर सामने आई है। सोमवार की रात तेज आंधी के चलते पस्तपार थाना परिसर में एक विशाल 35 वर्षीय पेड़ जड़ से उखड़कर गिर गया। पेड़ का आकार इतना बड़ा था कि अगर वह किसी के ऊपर गिरता तो बड़ी जानमाल की हानि हो सकती थी। गनीमत रही कि उस वक्त थाना परिसर में कोई व्यक्ति पेड़ के नजदीक नहीं था, वरना हादसा बड़ा हो सकता था। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
बिहार में इस समय मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे और कमजोर मकानों पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों के लिए और भी तेज हवाएं और बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन से अपील है कि ऐसे हालात में कमजोर मकानों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए ताकि आगे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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