भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है। महाराज जी चौक के पास स्थित सिटी कार्ट मॉल के बाहर सोमवार की शाम एक गार्ड ने मामूली विवाद के चलते एक फल विक्रेता पर लोहे की रॉड से बेरहमी से हमला कर दिया। इस हमले में युवक के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे पहले नवगछिया अनुमंडल अस्पताल, फिर वहां से मायागंज अस्पताल रेफर किया गया। पीड़ित की पहचान नवगछिया थाना क्षेत्र के नोनिया पट्टी निवासी चमरू महतो के पुत्र राजू कुमार के रूप में हुई है, जो रोजाना ठेले पर घूम-घूम कर फल बेचने का काम करता है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार को राजू रोज की तरह अपने ठेले पर आम बेच रहा था। सड़क पर जाम की स्थिति थी, जिससे वह कुछ समय के लिए सिटी कार्ट मॉल के सामने खड़ा हो गया। इसी दौरान मॉल के गार्ड ने उससे ठेला हटाने को कहा। उस समय राजू के ठेले पर ग्राहक खरीदारी कर रहा था, इसलिए उसने गार्ड से विनम्रता से कहा, “दोनों तरफ जाम है, जैसे ही जाम हटेगा मैं ठेला आगे बढ़ा दूंगा।” राजू का यह उत्तर मॉल के गार्ड को नागवार गुज़रा।
बिना किसी चेतावनी के, गार्ड ने पास रखी स्टील की रॉड उठाई और राजू पर हमला कर दिया। राजू कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उसके सिर पर कई बार रॉड से वार किया गया। गार्ड की मार से वह लहूलुहान होकर ज़मीन पर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले की बेरहमी का आलम यह था कि आसपास खड़े लोग भयभीत हो गए और मौके पर भीड़ जमा हो गई, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही राजू के पिता चमरू महतो मौके पर पहुंचे। वे खुद भी ठेले से ही गुज़ारा करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें मोबाइल के जरिए इस हमले की जानकारी मिली। जब वे अस्पताल पहुंचे, तो उनका बेटा खून से लथपथ अवस्था में स्टेचर पर पड़ा था। चमरू महतो ने घटना को लेकर मॉल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यह पूरी तरह मॉल प्रबंधन की गुंडागर्दी है।
राजू के चाचा सोनू महतो ने मीडियाकर्मियों को बताया कि गार्ड और मॉल के मैनेजर ने मिलकर राजू पर लोहे की रॉड से कई बार वार किया। सोनू ने हाथ में वह रॉड भी दिखाई जिससे राजू पर हमला किया गया था। उन्होंने कहा, “देखिए इस रॉड को, इससे कितनी बेरहमी से मारा गया कि मेरा भतीजा वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा। यह इंसानियत नहीं, हैवानियत है।”
हमले के बाद मौके पर मौजूद भीड़ ने विरोध जताना शुरू कर दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी और जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। मॉल प्रशासन ने हालात बिगड़ते देख आनन-फानन में मॉल का शटर गिरा दिया। देर रात 9 बजे तक भी मॉल का शटर नहीं खोला गया, जिससे लोगों में और रोष बढ़ गया।
इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सबसे पहले ट्रैफिक जाम को हटाने का प्रयास किया और फिर घायल राजू को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने राजू की हालत को गंभीर बताते हुए उसे मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया। हालांकि देर शाम होने के कारण परिजनों ने सुबह उसे मायागंज ले जाने की बात कही है।
मामले पर सिटी कार्ट मॉल के स्टोर मैनेजर रूपेश कुमार ने संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “गार्ड और ठेले वाले के बीच कहासुनी हुई थी, जिसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच समझौते की बात चल रही है, मैनेज हो जाएगा।”
लेकिन स्थानीय लोगों और राजू के परिजनों का कहना है कि यह कोई सामान्य विवाद नहीं था, बल्कि यह गरीब और मेहनतकश तबके पर किया गया एक सुनियोजित और क्रूर हमला था। लोगों ने मांग की है कि दोषी गार्ड के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और मॉल प्रशासन को भी जवाबदेह ठहराया जाए।
इस पूरे मामले ने नवगछिया क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम नागरिकों का कहना है कि अगर सार्वजनिक जगहों पर इस तरह की गुंडागर्दी होगी और गार्ड जैसे लोग खुद ही हिंसा पर उतर आएंगे, तो आम आदमी की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा। घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गरीब तबके के लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है?
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