भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल से एक चौंकाने वाली और सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसने न केवल आम लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में ला दिया है। मामला नवगछिया के अंचल अधिकारी (सीओ) के सरकारी आवास परिसर से जुड़ा है, जहां जमीन विवाद के चलते एक युवक पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया गया।
घटना 27 मई की है, जब खरिक थाना क्षेत्र के मीरजाफरी गांव निवासी राजकुमार राय, अपने निजी काम से नवगछिया बाजार में लीची बेचने के बाद सीओ के बुलावे पर उनके सरकारी आवास परिसर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि सीओ से बातचीत के दौरान अचानक कुछ दबंगों ने राजकुमार पर हमला कर दिया। हमलावर पहले से ही परिसर में घात लगाए बैठे थे।

हमले में राजकुमार को गंभीर चोटें आई हैं। वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल लोगों को स्तब्ध कर दिया है, बल्कि इस बात पर भी सवाल खड़ा कर दिया है कि जब एक सरकारी आवास परिसर में कोई सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
परिजनों को घटना की जानकारी राजकुमार के मोबाइल से मिली, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंत मायागंज मेडिकल कॉलेज, भागलपुर रेफर कर दिया।
राजकुमार होश में आने के बाद अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़े। उन्होंने बताया कि हमलावरों में मनीष कुमार, विशाल कुमार सहित तीन-चार अन्य लोग शामिल थे। इन लोगों ने न केवल लाठी-डंडों से उनकी बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उनके पास से मोबाइल फोन और पैसे भी लूटने की कोशिश की। राजकुमार के मुताबिक, यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था, जिसे जमीन विवाद को लेकर अंजाम दिया गया।
राजकुमार के पिता विजय राय ने बताया कि उनका परिवार पिछले कुछ महीनों से जमीन विवाद से जूझ रहा है। कई बार इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन और पुलिस से की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यदि पहले ही प्रशासन सक्रिय होता, तो शायद आज यह भयावह घटना नहीं होती।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। लोगों का कहना है कि अगर सीओ आवास परिसर जैसे सुरक्षित और सरकारी स्थल पर इस प्रकार की घटनाएं घटने लगेंगी, तो आम नागरिकों को न्याय की उम्मीद करना व्यर्थ हो जाएगा। लोगों ने प्रशासन से तत्काल प्रभाव से आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
इस घटना के बाद नवगछिया अनुमंडल पुलिस सक्रिय हो गई है। खरीक थाना अध्यक्ष ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि जल्द ही मामले में कार्रवाई कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
हालांकि घटना को लेकर अभी तक सीओ की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। यह भी जांच का विषय है कि सीओ आवास परिसर में हमलावरों को किसने प्रवेश करने दिया और सुरक्षा व्यवस्था कैसे विफल हुई।
इस घटना ने एक बार फिर से बिहार में प्रशासनिक व्यवस्था और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है। कानून-व्यवस्था की स्थिति पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं, और अब जब सरकारी परिसर में ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो प्रशासन की भूमिका और भी संदेहास्पद हो जाती है।
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द ही न्याय नहीं मिला, तो वे व्यापक आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है और इलाके में तनाव का माहौल है। लोग प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि इस घटना के दोषियों को जल्द सजा मिलेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था पर भी एक हमला है, जिससे यह साबित होता है कि अगर समय रहते प्रशासन सख्ती नहीं बरतेगा, तो ऐसे मामले और भी सामने आ सकते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से काम करते हैं।
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