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राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर नवगछिया के मकनपुर चौक के पास आज सुबह एक बड़ा सड़क हादसा होते-होते टल गया। यह दुर्घटना अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के आवास के ठीक सामने हुई, जब एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराया। हालांकि इस घटना में किसी प्रकार की जानमाल की बड़ी क्षति नहीं हुई, परन्तु घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने इसे एक चमत्कार ही बताया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पिकअप वाहन नवगछिया से पूर्णिया की ओर जा रहा था। वाहन की रफ्तार सामान्य थी, लेकिन जैसे ही वह मकनपुर चौक पर पहुंचा, वहां बने ब्रेकर के पास चालक को झपकी आ गई। झपकी आने के कारण चालक ने नियंत्रण खो दिया और पिकअप ने अचानक यू-टर्न लेते हुए सड़क किनारे एक बड़े पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए और गाड़ी का अगला पहिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

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पिकअप के ठीक पीछे बाइक से आ रहे अमरदीप ठाकुर, जो नवगछिया के ही निवासी हैं, इस हादसे का शिकार होते-होते बच गए। अमरदीप अपने बाइक से फल लेकर नवगछिया बाजार की ओर जा रहे थे। गाड़ी की गति काफी धीमी थी और वे सतर्कता से वाहन चला रहे थे। जैसे ही उन्होंने पिकअप को यू-टर्न लेते और असंतुलित होते देखा, उन्होंने फौरन ब्रेक लगाकर बाइक की गति और कम कर दी। इस वजह से वे समय रहते रुक गए और सीधी टक्कर से बच गए।

हालांकि अमरदीप की बाइक भी सड़क के किनारे फिसल गई, और वह खुद भी सड़क पर गिर पड़े, लेकिन उन्हें सिर्फ हल्की चोटें आईं। उनकी बाइक पर लदा फल सड़क पर बिखर गया, जिससे थोड़ी देर के लिए ट्रैफिक में अवरोध उत्पन्न हुआ। आसपास मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत अमरदीप को उठाया और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की। उनकी सूझबूझ और सतर्कता ने उन्हें एक बड़ी दुर्घटना का शिकार होने से बचा लिया।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने पिकअप चालक को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि चालक लंबे समय से वाहन चला रहा था और थकान की वजह से उसे झपकी आ गई थी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पिकअप पर कोई अन्य यात्री या सामान लदा था या नहीं।

एसडीओ आवास के सामने इस प्रकार की घटना होने से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं। चूंकि यह इलाका प्रशासनिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है, इसलिए स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस चौराहे पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएं, जैसे कि स्पीड ब्रेकर के पास चेतावनी बोर्ड, सीसीटीवी कैमरे और रात्रि के समय पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था।

हादसे के बाद घटनास्थल पर थोड़ी देर के लिए जाम लग गया, जिसे पुलिस ने तत्परता से हटाया और यातायात को सामान्य किया। पुलिस ने पिकअप को सड़क के किनारे हटवा दिया और दुर्घटनास्थल की पूरी फोटोग्राफी और निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया।

इस घटना ने यह एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सड़क पर सतर्कता और नियंत्रित गति ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। अमरदीप ठाकुर की सूझबूझ और धीमी गति से वाहन चलाना उनकी जान बचाने में सहायक साबित हुआ। यदि वे भी तेज गति से वाहन चला रहे होते, तो यह दुर्घटना और भी भयावह हो सकती थी।

अमरदीप ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं हमेशा बाइक चलाते समय सावधानी बरतता हूं। आज तो भगवान का शुक्र है कि कुछ बड़ा नहीं हुआ, बस थोड़ी बहुत चोट आई है और फल खराब हो गए। पर जान बच गई, यही बहुत है।”

स्थानीय लोगों ने अमरदीप की सराहना की और कहा कि उनकी सजगता एक उदाहरण है, जिसे हर वाहन चालक को अपनाना चाहिए।

दूसरी ओर, प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह ऐसे संवेदनशील स्थलों पर यातायात सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, लंबी दूरी के वाहन चालकों के लिए विश्राम स्थलों की व्यवस्था की जाए ताकि वे नियमित रूप से विश्राम कर सकें और इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

**निष्कर्ष:**
यह हादसा एक चेतावनी भी है और एक सीख भी। सतर्कता, धीमी गति और नियमों का पालन ही सड़क सुरक्षा की कुंजी हैं। सौभाग्य से इस दुर्घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन यह स्पष्ट है कि थोड़ी सी चूक, बड़ा नुकसान कर सकती थी। ऐसे में सभी वाहन चालकों को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि वे खुद की और दूसरों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहें।

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By admin

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