बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लेकिन इस बार मामला कुछ ऐसा है जिसने आमजन से लेकर पुलिस तक को हैरान कर दिया है। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया अनुमंडल अंतर्गत नौतन थाना क्षेत्र से एक अनोखी खबर सामने आई है, जहां पुलिस ने शराब तस्करी के मामले में एक घोड़े को ‘गिरफ्तार’ कर लिया है। यह मामला जितना हास्यास्पद लग सकता है, उतना ही गंभीर भी है, क्योंकि इसमें संगठित तस्करी नेटवर्क की एक झलक भी मिलती है।

घटना नौतन प्रखंड के डाबरिया पंचायत के बैरा परसौनी गांव की है। यहां एक शराब तस्कर घोड़े पर भारी मात्रा में शराब लादकर ले जा रहा था। पुलिस को इस संदर्भ में पहले से गुप्त सूचना मिली थी कि शराब की खेप घोड़े के जरिए भेजी जा रही है। सूचना मिलते ही नौतन थानाध्यक्ष राजेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई की।

पुलिस को देखते ही शराब तस्कर घोड़े को वहीं छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घोड़े को पकड़ लिया और उसके ऊपर लदे चार कार्टन विदेशी शराब बरामद किए। जब्त शराब की कीमत हजारों रुपये में बताई जा रही है। घोड़े को फिलहाल थाने में रखा गया है और वह ‘बेचारा’ अपनी रिहाई का इंतजार कर रहा है।

थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि, “गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस गश्ती दल ने कार्रवाई की। मौके पर शराब तस्कर को घोड़े पर शराब की खेप ले जाते देखा गया। पुलिस को देख वह घोड़े को छोड़कर भाग गया। तलाशी लेने पर चार कार्टन विदेशी शराब बरामद की गई है।”

यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर हैरानी भी जता रहे हैं और हँसी-मजाक का माहौल भी बना हुआ है। एक ओर जहां घोड़ा कानून का पालन नहीं जानता, वहीं उसे ऐसे संगीन मामले में थाने में बैठा देख लोगों को अफसोस भी हो रहा है।

हालांकि इस मामले में पशु अधिकारों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोग पूछ रहे हैं कि जब तस्कर फरार है, तो एक निर्दोष जानवर को क्यों ‘कैद’ करके रखा गया है? पशुप्रेमियों का मानना है कि घोड़े की भूमिका सिर्फ एक माध्यम की रही, उसके खिलाफ कोई आपराधिक मंशा नहीं मानी जानी चाहिए।

इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर यह स्पष्ट होता है कि शराब तस्कर अब कानून से बचने के लिए नये-नये तरीके अपना रहे हैं। पहले दोपहिया और चारपहिया वाहनों से शराब की तस्करी होती थी, लेकिन अब जानवरों का भी उपयोग किया जा रहा है, ताकि शक न हो और पुलिस की नजर से बचा जा सके।

नौतन पुलिस अब फरार तस्कर की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। आसपास के इलाकों में पूछताछ और निगरानी बढ़ा दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही तस्कर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फिलहाल इस अनोखे मामले ने पुलिस प्रशासन और आमजन को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शराब तस्करी के खिलाफ और सख्त और आधुनिक निगरानी की जरूरत है। साथ ही यह भी ज़रूरी है कि ऐसे मामलों में बेजुबान जानवरों को सज़ा न मिले, जो खुद किसी साजिश का शिकार होते हैं।

निष्कर्षतः, यह मामला जितना विचित्र है, उतना ही गंभीर भी। यह न केवल कानून की कमजोर कड़ियों को उजागर करता है, बल्कि शराब माफियाओं की बढ़ती हिम्मत को भी दिखाता है। पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में न केवल तस्करों को पकड़ने में तेजी लाए, बल्कि पशु कल्याण के पहलुओं का भी विशेष ध्यान रखे।

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