राजधानी पटना एक बार फिर अपराधियों की दबंगई से दहल उठी जब 24 मई को न्यू पुनाईचक इलाके में नशे में धुत अपराधियों ने बीच सड़क पर खुलेआम कई राउंड फायरिंग की। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक काली स्कॉर्पियो से कुछ अपराधी उतरते हैं और सड़क पर दनादन फायरिंग करते हैं। गाड़ी पर कोई नंबर प्लेट नहीं है और अपराधी गाली गलौज करते हुए वहां से फरार हो जाते हैं।

यह सनसनीखेज मामला शनिवार को करीब 3:32 बजे का है। बताया जा रहा है कि बोरिंग रोड स्थित लोहिया चक पुल के नीचे स्कॉर्पियो सवार चार युवक, जो नशे में धुत थे, सड़क पर तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक बलेनो कार को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद जब बलेनो सवार लोगों ने विरोध किया, तो स्कॉर्पियो सवार युवकों ने उल्टा उन्हें ही पीटना शुरू कर दिया।

स्थानीय लोगों ने जब हस्तक्षेप किया तो अपराधी वहां से भाग निकले। लेकिन भागने के क्रम में उन्होंने सरेआम कई राउंड फायरिंग की जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इस दौरान एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब मौके से गुजर रहे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने खुद फायरिंग की आवाज सुनी और अपराधियों का पीछा करना शुरू कर दिया। पंकज दराद उस समय एटीएस की मीटिंग से लौट रहे थे।

एडीजी के बॉडीगार्ड ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपराधियों पर कई राउंड फायरिंग की, लेकिन स्कॉर्पियो सवार युवक चकमा देकर फरार हो गए। वे गोलंबर होते हुए जीपीओ इलाके तक रफ ड्राइविंग करते हुए भाग निकले। पूरे घटनाक्रम से साफ है कि अपराधी न सिर्फ हथियारों से लैस थे, बल्कि कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए पुलिस को चुनौती भी दे रहे थे।

पटना पुलिस ने इस घटना के बाद शहरभर में चेकिंग अभियान चलाया, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी ने लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

हालांकि, यह घटना यहीं नहीं थमी। लगभग एक घंटे बाद शाम 4:30 बजे वही युवक दोबारा मौके पर लौटे और इस बार और भी बेकाबू हो गए। उन्होंने लगातार आठ राउंड फायरिंग की, जिससे पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक अपराधी वहां से निकल चुके थे।

वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर पुलिस आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। इस घटना ने न सिर्फ राजधानी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आम लोगों में भी भय का वातावरण बना दिया है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर राजधानी की सड़कों पर दिनदहाड़े बिना नंबर की स्कॉर्पियो में घूमते और फायरिंग करते अपराधी किसके संरक्षण में हैं?

एडीजी पंकज दराद द्वारा खुद इस मामले में सक्रियता दिखाना प्रशंसनीय जरूर है, लेकिन इस घटना ने पुलिस की तैयारी और गश्त व्यवस्था की पोल खोल दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है और पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट तलब की गई है।

पटना में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला राजधानी की सड़कों पर दिनदहाड़े गोलीबारी और बड़े अफसर की मौजूदगी में अपराधियों के बच निकलने का है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और राजधानी में कानून व्यवस्था बहाल होगी।

इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि शराबबंदी के बावजूद नशे में अपराधियों का बेखौफ घूमना और हथियार लेकर सड़कों पर खुलेआम फायरिंग करना कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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