भागलपुर जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला को पाकिस्तानी जासूस होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपी महिला की पहचान ज्योति मल्होत्रा के रूप में हुई है, जो खुफिया जानकारी पाकिस्तान तक पहुँचाने के काम में संलिप्त बताई जा रही है। मामले ने उस समय और भी गंभीर मोड़ ले लिया जब यह जानकारी सामने आई कि आरोपी कई बार सुल्तानगंज स्थित प्रसिद्ध अजगैबीनाथ मंदिर आ चुकी है।

अजगैबीनाथ मंदिर, जो श्रावणी मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है, अब संभावित साजिशों के घेरे में आ गया है। मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरी ने इस पूरे मामले पर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यदि एक संदिग्ध महिला, जो पाकिस्तानी एजेंट बताई जा रही है, कई बार मंदिर परिसर में आ चुकी है, तो यह केवल एक सामान्य गतिविधि नहीं मानी जा सकती। उन्होंने आशंका जताई है कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद मेला जैसे बड़े आयोजन को निशाना बनाना भी हो सकता है।

महंत प्रेमानंद गिरी ने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि श्रावणी मेले से पहले मंदिर परिसर और उसके आस-पास की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाए। उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी वाले इस धार्मिक आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की चूक बेहद खतरनाक हो सकती है।

श्रावणी मेला शुरू होने में अब केवल कुछ ही दिन शेष हैं। हर साल सावन महीने में देश के कोने-कोने से शिवभक्त कांवड़ लेकर अजगैबीनाथ धाम पहुंचते हैं और जल चढ़ाकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसे में इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल प्रशासन बल्कि आम जनमानस में भी चिंता की लहर दौड़ गई है।

स्थानीय प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। भागलपुर पुलिस के अनुसार, आरोपी महिला के कॉल डिटेल्स, सोशल मीडिया संपर्क और गतिविधियों की गहनता से जाँच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि वह कई बार भागलपुर आई और मंदिर क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाई गई।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं। मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी महिला ने मंदिर परिसर में किससे संपर्क किया और उसका मकसद क्या था। साथ ही, मंदिर प्रशासन से भी पूछा गया है कि क्या उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पहले से थी।

इसी बीच, सुल्तानगंज के स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर बेचैनी है। कई श्रद्धालुओं ने प्रशासन से अपील की है कि श्रावणी मेला शुरू होने से पहले सुरक्षा को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ाया जाए। लोगों का मानना है कि अगर एक जासूस इतनी आसानी से मंदिर तक पहुँच सकती है, तो यह सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामी को उजागर करता है।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा के लिहाज से अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा सकती। सरकार और प्रशासन दोनों के लिए यह एक चेतावनी है कि धार्मिक स्थलों और बड़े आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जाए ताकि देशविरोधी ताकतें अपने मंसूबों में कामयाब न हो सकें।

फिलहाल, पुलिस की जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। साथ ही, प्रशासन ने श्रावणी मेला को लेकर सुरक्षा प्लान तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, खुफिया निगरानी, ड्रोन कैमरे और बम स्क्वॉड की व्यवस्था भी शामिल होगी।

श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें और प्रशासन का सहयोग करें ताकि मेले को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न किया जा सके।

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