आईपीएल 2025 के समापन के बाद अब बिहार में क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक नई सौगात आने वाली है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) ने घोषणा की है कि वह जून महीने में बिहार प्रीमियर लीग (BPL) का आयोजन करेगा। इस टूर्नामेंट को लेकर न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह है।

बीसीसीआई से मिली हरी झंडी
बिहार प्रीमियर लीग के आयोजन को लेकर बीसीए ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से अनुमति मांगी थी। बीपीएल गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि बीसीसीआई से इसकी मंजूरी मिल गई है और अब आयोजन की तैयारियों में तेजी लाई जा रही है। टूर्नामेंट का आयोजन 1 जून से 25 जून के बीच पटना में प्रस्तावित है।

छह टीमों के बीच होगा मुक़ाबला
बीपीएल में बिहार के छह जोनों को प्रतिनिधित्व देते हुए छह टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों के नाम बिहार की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को दर्शाते हैं।
टीमें इस प्रकार हैं:

  1. पाटलिपुत्र पैंथर्स
  2. शाहाबाद सुल्तान्स
  3. मिथिला किंग्स
  4. सीमांचल सोल्जर्स
  5. अंगिका टाइगर्स
  6. मगध मास्टर्स

इन टीमों के लिए फ्रेंचाइज़ी मॉडल के तहत नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है। सभी टीमें अलग-अलग क्षेत्रों से खिलाड़ियों को मौका देंगी, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच मिलेगा।

फ्रेंचाइज़ी के लिए निविदा और मूल्य निर्धारण
बीसीए ने प्रारंभ में प्रति टीम 5 करोड़ रुपये की निविदा जारी की थी, लेकिन कई इच्छुक निवेशकों ने इस राशि को अधिक बताते हुए इसे कम करने का अनुरोध किया। संजय कुमार सिंह ने बताया कि कई सुझावों के आधार पर इस राशि को संशोधित करने के लिए बीसीए की एक बैठक दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक के बाद 5 करोड़ वाली पुरानी निविदा रद्द कर दी गई है और नई नीति के तहत फ्रेंचाइज़ी शुल्क तय करने पर काम जारी है।

खिलाड़ियों की भागीदारी पर चर्चा
बीपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को लेकर भी चर्चा जोरों पर है। बीसीए के अनुसार, वर्तमान में सबसे बड़ा स्थानीय नाम वैभव सूर्यवंशी का है, जो बिहार की रणजी टीम से खेलते हैं। उनके अलावा, बिहार के निवासी और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके खिलाड़ी जैसे ईशान किशन, मुकेश कुमार, अनुकूल राय और आकाशदीप के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।

हालांकि ये खिलाड़ी बिहार की टीम से नहीं बल्कि अन्य राज्यों या फ्रेंचाइज़ी टीमों से खेलते हैं, लेकिन चूंकि वे मूल रूप से बिहार से हैं, इसलिए बीसीए उनकी उपलब्धता के लिए बीसीसीआई से संपर्क कर रहा है। संजय कुमार सिंह ने बताया कि बीसीसीआई को पत्र लिखकर इन खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

स्थानीय खिलाड़ियों को मिलेगा मंच
बीपीएल का उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं को क्रिकेट में करियर बनाने के लिए एक ठोस मंच देना भी है। टूर्नामेंट से कई नए चेहरे उभर सकते हैं, जो आने वाले समय में बिहार और भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

पटना बनेगा बिहार क्रिकेट का केंद्र
टूर्नामेंट का आयोजन राजधानी पटना में किया जाएगा, जहां पहले से ही कुछ स्टेडियम और क्रिकेट अकादमियां मौजूद हैं। बीसीए की योजना है कि इस आयोजन को भव्यता के साथ प्रस्तुत किया जाए, ताकि बिहार में क्रिकेट की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ावा मिल सके।

निष्कर्ष
बिहार प्रीमियर लीग न केवल राज्य के खिलाड़ियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि यह बिहार में क्रिकेट के भविष्य को नई दिशा भी दे सकता है। अगर आयोजन सफल रहा, तो यह आने वाले वर्षों में बिहार का एक नियमित और बहुप्रतीक्षित टूर्नामेंट बन सकता है। बीसीए, बीसीसीआई और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बीपीएल बिहार की प्रतिभाओं को नई उड़ान देने के लिए तैयार है।

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