ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। रशीदी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की लगातार आतंक फैलाने वाली नीतियों की वजह से भारतीय मुसलमानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और दुनिया भर में उनकी छवि खराब हो रही है।
मौलाना रशीदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे अपनी सीमाओं को समझना चाहिए और भारत से पंगा लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंकी हरकतों की वजह से आज पूरी दुनिया में मुसलमानों पर शक की नजर डाली जाती है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रशीदी ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाता, तो भारत को कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।
सीमा हैदर के मुद्दे पर भी मौलाना साजिद रशीदी ने बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि बिना वीजा के भारत में प्रवेश करने वाली सीमा हैदर को कुछ लोगों ने हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से देखकर सिर आंखों पर बैठा लिया, लेकिन यह भी हो सकता है कि सीमा हैदर आईएसआई की एजेंट हो। रशीदी ने कहा कि ऐसे मामलों में भावना के बजाय सावधानी बरतनी चाहिए और पूरी गहन जांच होनी चाहिए।
रशीदी ने पहलगाम हमले को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे पहले से काम कर रहे स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है। उन्होंने मांग की कि इस हमले की साजिश में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि जब तक स्लीपर सेल्स को जड़ से खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता।
पानी के बंटवारे पर भी मौलाना ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों का पालन किया है, जबकि पाकिस्तान ने कई बार इस समझौते का उल्लंघन करने की कोशिश की है। रशीदी ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो भारत को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए।
अपने बयान में रशीदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पर अब तक जो कार्रवाई हुई है, वह नाकाफी है। भारत सरकार को इस मुद्दे पर और अधिक सख्ती दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों और देश विरोधी तत्वों को जड़ से खत्म करने के लिए अब ठोस रणनीति बनानी जरूरी हो गई है।
सबसे चौंकाने वाला बयान मौलाना रशीदी ने यह दिया कि अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश को फिर से भारत में मिला दिया जाए, तो यह एक स्थायी समाधान हो सकता है। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय शांति स्थापित होगी बल्कि भारतीय मुसलमानों की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बंटवारे ने सिर्फ जख्म दिए हैं, और आज जरूरत है कि ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा जाए।
रशीदी ने कहा कि एकता में ही शक्ति है, और अगर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश फिर से एक हो जाएं, तो नफरत और आतंकवाद जैसी समस्याओं पर हमेशा के लिए विराम लगाया जा सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़ने की जो प्रवृत्ति बढ़ रही है, वह पाकिस्तान की नीतियों का नतीजा है। अगर पाकिस्तान अपने आतंकी रवैये को छोड़ता नहीं है, तो भारत को मजबूती से अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए।
आखिर में रशीदी ने भारतीय मुसलमानों से अपील की कि वे पाकिस्तान की करतूतों से खुद को अलग रखें और भारत की अखंडता तथा शांति के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि भारत का मुसलमान देशभक्त है और आतंकवाद के खिलाफ है, और यह संदेश पूरी दुनिया तक जाना चाहिए।
