बिहार के सहरसा जिले से एक बार फिर आसमानी आफत की दुखद तस्वीर सामने आई है। जिले के दो अलग-अलग इलाकों में आसमानी बिजली गिरने की घटनाओं ने दो परिवारों को गमगीन कर दिया। पहली घटना सलखुआ थाना क्षेत्र के बहियार गांव में हुई, जबकि दूसरी घटना बनमा-इटहरी थाना क्षेत्र के उटेसरा गांव की है। दोनों ही मामलों में पीड़ितों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रशासन ने लगातार हो रही बारिश और वज्रपात को देखते हुए आमजन से सतर्क रहने की अपील की है।
पहली घटना: भैंस चराने गए युवक की मौत
सलखुआ थाना क्षेत्र के बहियार गांव में यह हादसा उस समय हुआ जब 35 वर्षीय पिंटू यादव रोज की तरह अपने घर से भैंस चराने खेत की ओर गए थे। सुबह का समय था और मौसम सामान्य लग रहा था, लेकिन कुछ ही देर में मौसम ने करवट ली। तेज गर्जना के साथ अचानक बिजली चमकी और देखते ही देखते वज्रपात हुआ। पिंटू यादव बिजली की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
गांव में यह खबर फैलते ही कोहराम मच गया। परिवार के लोग और ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। पिंटू यादव की मौत की खबर से गांव का माहौल गमगीन हो गया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
दूसरी घटना: घर के आंगन में बैठी महिला की मौत
दूसरी दुखद घटना बनमा-इटहरी थाना क्षेत्र के उटेसरा गांव की है, जहां 50 वर्षीय विलखी देवी अपने घर के आंगन में बैठी थीं। मौसम खराब था लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं था कि बिजली गिर सकती है। अचानक आसमान से बिजली गिरी और वह सीधा विलखी देवी के ऊपर आ गिरी। वज्रपात की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गईं और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।
परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही यह हादसा हो गया। आस-पड़ोस के लोग भागकर मौके पर पहुंचे और तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
गांवों में मातम का माहौल
दोनों ही गांवों में मौत की खबर के बाद मातम पसरा हुआ है। पिंटू यादव और विलखी देवी के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिंटू यादव अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं। वह घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। वहीं विलखी देवी एक धार्मिक और सामाजिक महिला मानी जाती थीं, जिनकी पूरे गांव में पहचान थी।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
जिले में लगातार हो रही बारिश और मौसम में आए बदलाव के कारण प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने वज्रपात से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार अगले कुछ दिनों तक वज्रपात और बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि वे घर से अनावश्यक बाहर न निकलें, खुले स्थानों पर खड़े न हों और खेतों में काम करते समय विशेष सावधानी बरतें।
वज्रपात से बचाव के उपाय
प्रशासन की ओर से लोगों को वज्रपात से बचाव के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं:
1. बारिश और गरज-चमक के समय पेड़ों के नीचे शरण न लें।
2. मोबाइल फोन का उपयोग खुले मैदान में न करें।
3. धातु से बने उपकरणों से दूरी बनाएं रखें।
4. खेतों में कार्य करते समय आसमान की स्थिति पर नजर रखें और तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
5. घरों में बिजली उपकरणों को बंद रखें।
सरकारी सहायता की उम्मीद
दोनों मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता मिलने की उम्मीद है। आपदा राहत कोष से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। हालांकि अभी प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर मृतकों के परिवारों को सहायता दिलाई जाएगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताया दुख
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी दुख जताया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और प्रशासन से मुआवजे की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की।
सहरसा में हुई ये दोनों घटनाएं यह साफ दर्शाती हैं कि प्राकृतिक आपदाएं किस तरह से लोगों की जिंदगी पर कहर बनकर टूट सकती हैं। वज्रपात एक ऐसी आपदा है, जो अचानक होती है और जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। जागरूकता ही इस प्रकार की घटनाओं से होने वाली क्षति को कम कर सकती है।