भागलपुर, बिहार: बिहार के भागलपुर जिले में पुलिस की बर्बरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें भारत की सबसे प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी **नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के एक कमांडो** को स्थानीय पुलिस ने न केवल पीटा, बल्कि उसे घंटों तक थाने में बंद कर अमानवीय व्यवहार किया। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
### **घटना का पूरा विवरण**
यह पूरा मामला **भागलपुर जिले के जोगसर थाना क्षेत्र** का है, जहां **एनएसजी कमांडो, जो दिल्ली में तैनात हैं**, छुट्टी पर अपने घर आए थे। उनका उद्देश्य अपनी नवजात पुत्री की **छठ्ठी पूजा के लिए खरीदारी करना था**। इसी सिलसिले में वह भागलपुर के **नागर मॉल** गए थे।
कमांडो ने अपनी कार **सड़क किनारे खड़ी कर मॉल में प्रवेश किया** और खरीदारी करने लगे। जब वह बाहर आए तो देखा कि एक दूसरी कार सड़क पर आ रही थी। उन्होंने सोचा कि कहीं जाम न लग जाए, इसलिए वह उस गाड़ी को पास करवाने में मदद करने लगे।
इसी दौरान **जोगसर थाना की पुलिस जीप वहां पहुंची** और दूसरी गाड़ी को पास करवाने लगी। लेकिन जब पुलिस ने कमांडो की गाड़ी देखी तो उन्होंने सवाल करना शुरू कर दिया। कमांडो ने पुलिस की **रुखाई और आक्रामक व्यवहार को देखते हुए** ज्यादा बातचीत नहीं की।
### **पुलिस की दबंगई और थप्पड़बाजी**
पुलिसकर्मियों ने गाड़ी का चालान काटने की धमकी दी। इस पर **कमांडो ने अपनी गाड़ी के नंबर प्लेट के आगे खड़े होकर विरोध जताया**। तभी **रंजन कुमार नामक एक सिपाही** पुलिस जीप से उतरा और **कमांडो के गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया**।
जब कमांडो ने विरोध किया और पूछा कि **”आपको थप्पड़ मारने का अधिकार किसने दिया?”**, तो पुलिसकर्मी और ज्यादा गुस्से में आ गए और **लगातार थप्पड़ और घूंसे मारने लगे**।
कमांडो ने बार-बार बताया कि वह **भारत सरकार के केंद्रीय सुरक्षा बल में तैनात हैं** और **एनएसजी का जवान** हैं। लेकिन पुलिसकर्मियों ने **इसकी परवाह किए बिना उन्हें धमकाना जारी रखा**।
### **”हम तुम्हें अभी यहीं एनएसजी कमांडो बनाते हैं”**
कमांडो का कहना है कि **पुलिस ने उनके आईडी कार्ड की मांग की**, लेकिन जैसे ही उन्होंने इसे निकालने की कोशिश की, **पुलिसकर्मियों ने फिर से उन पर हमला कर दिया**। उन्होंने बार-बार कहा कि **”तुम्हें अभी यहीं एनएसजी कमांडो बनाते हैं”** और उन्हें घसीटकर थाने ले गए।
### **थाने में 8 घंटे तक बंधक, CCTV से दूर ले जाकर पिटाई**
कमांडो के अनुसार, उन्हें **लगभग 8 घंटे तक जोगसर थाना में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया**। इस दौरान उन्हें **थाने में लगे CCTV कैमरों की निगरानी से दूर ले जाया गया** और वहां **7 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर उन्हें बेरहमी से पीटा**।
कमांडो के शरीर पर **कई जगह गंभीर चोटों के निशान** हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि **”मैं अकेला था, पुलिसकर्मी पूरी टीम में थे, क्या मैं उन्हें मार सकता था?”**
### **पुलिस की गुंडागर्दी का CCTV फुटेज?**
कमांडो ने पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। उन्होंने मांग की कि **CCTV फुटेज को सार्वजनिक किया जाए** ताकि सच सामने आ सके।
### **स्थानीय लोग डरे हुए, न्याय की मांग**
इस घटना से भागलपुर जिले के लोग डरे हुए हैं। खासकर **जो लोग बिहार से बाहर जाकर सरकारी सुरक्षा एजेंसियों में काम करते हैं, उनके लिए यह घटना एक डरावनी मिसाल बन गई है**।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर **NSG कमांडो के साथ ऐसा दुर्व्यवहार हो सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा?**
### **परिवार की ओर से कानूनी कार्रवाई की तैयारी**
कमांडो के परिवार ने **इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है**। उनका कहना है कि **पुलिस की इस गुंडागर्दी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए**।
### **सरकार और प्रशासन से सवाल**
अब सवाल यह उठता है कि –
1. **क्या पुलिस को यह अधिकार है कि वह बिना किसी कारण एक केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान को पीटे?**
2. **क्या बिहार में कानून का कोई डर नहीं बचा?**
3. **क्या पुलिस प्रशासन दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करेगा?**
4. **CCTV फुटेज को सार्वजनिक किया जाएगा या फिर इसे दबाने की कोशिश होगी?**
### **निष्कर्ष**
इस घटना ने **बिहार पुलिस की कार्यशैली और सत्ता के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं**। अगर **NSG कमांडो के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी?**
अब देखना यह है कि **सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं**। क्या दोषी पुलिसकर्मियों को सजा मिलेगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
