भागलपुर, 18 फरवरी: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आंदोलन की घोषणा कर दी है। विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की, लेकिन कुलपति द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके विरोध में विद्यार्थी परिषद ने प्रेस वार्ता कर अपनी रणनीति स्पष्ट की और चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की।

कुलपति की उदासीनता पर सवाल

प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश सह मंत्री कुणाल पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में लगातार शैक्षणिक अराजकता और भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। विद्यार्थी परिषद ने कई बार कुलपति से मिलकर इन मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।

टीएनबी कॉलेज में मारपीट की घटना

विद्यार्थी परिषद ने विशेष रूप से 17 जनवरी को टीएनबी कॉलेज में हुई मारपीट की घटना का जिक्र किया, जिसमें ABVP कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया था। इस मामले में एक जांच कमेटी बनाई गई थी, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया। परिषद के सदस्यों ने सवाल किया कि आखिर कमेटी की रिपोर्ट क्यों नहीं आई? अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले पर चुप्पी साधे रहेगा तो विद्यार्थी परिषद न्याय के लिए आंदोलन करेगी।

हॉस्टलों में अवैध कब्जे पर सवाल

ABVP ने विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर भी सवाल उठाए। परिषद ने प्रशासन से यह जानना चाहा कि ये लोग कौन हैं और अब तक इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? परिषद के सदस्यों ने कहा कि हॉस्टलों में अवैध रूप से रह रहे बाहरी लोग छात्रों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, इसलिए इन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

एससी/एसटी छात्रों के निशुल्क नामांकन का मुद्दा

ABVP ने यह भी सवाल उठाया कि जब बिहार सरकार की योजना के तहत अन्य विश्वविद्यालयों में एससी/एसटी एवं अन्य वर्गों के छात्रों का निशुल्क नामांकन हो रहा है, तो तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में यह योजना लागू क्यों नहीं की गई? परिषद ने कुलपति से इसका जवाब मांगा और इस योजना को शीघ्र लागू करने की मांग की।

आरक्षण समिति की अध्यक्ष ने भी जताई नाराजगी

ABVP ने बताया कि आरक्षण समिति की अध्यक्ष एवं MLC अनामिका सिंह पटेल ने भी इस मुद्दे को उठाया था और विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कहा था कि बिहार सरकार की योजना को लागू करना अनिवार्य है, फिर भी प्रशासन ने इसे लागू नहीं किया। परिषद ने कहा कि अगर जल्द से जल्द निशुल्क नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो छात्र-छात्राओं के हक के लिए आंदोलन किया जाएगा।

पेयजल और शौचालय की समस्या

ABVP ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के PG विभागों और कॉलेजों में शौचालय और पेयजल की भारी कमी है। छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। परिषद ने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय पर भी शौचालय का अभाव है, जिससे विद्यार्थी और कर्मचारी परेशान हैं।

पेट (Ph.D. प्रवेश परीक्षा) में गड़बड़ी की जांच की मांग

विद्यार्थी परिषद ने पेट (Ph.D. प्रवेश परीक्षा) में हुई धांधली की भी जांच की मांग की। विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख हैप्पी आनंद ने कहा कि परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। परिषद ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

गेस्ट फैकल्टी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल

ABVP ने विश्वविद्यालय द्वारा गेस्ट फैकल्टी भर्ती के लिए मात्र 7 दिन का समय देने पर भी आपत्ति जताई। परिषद के सदस्यों ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों के अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का उचित अवसर मिलना चाहिए, लेकिन केवल 7 दिन का समय देकर बाहरी अभ्यर्थियों को आवेदन से वंचित किया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। परिषद ने मांग की कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और आवेदन की समय-सीमा बढ़ाई जाए।

चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति

ABVP ने ऐलान किया कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान नहीं करता है तो विद्यार्थी परिषद तीव्र आंदोलन करने को मजबूर होगी। परिषद ने कहा कि पहले ज्ञापन और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। अगर प्रशासन तब भी नहीं जागा तो धरना-प्रदर्शन और तालाबंदी जैसे कदम उठाए जाएंगे।

प्रेस वार्ता में कौन-कौन रहा मौजूद?

प्रेस वार्ता के दौरान विद्यार्थी परिषद के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें –

  • प्रदेश सह मंत्री कुणाल पाण्डेय
  • प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुक्ता सिंह
  • जिला संयोजक रोहित सिंह
  • नगर मंत्री शिवसागर

सभी ने एकजुट होकर विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो परिषद कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी

निष्कर्ष

विद्यार्थी परिषद ने शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार, पेयजल और शौचालय की समस्या, हॉस्टलों में अवैध कब्जे, Ph.D. परीक्षा में गड़बड़ी, निशुल्क नामांकन, गेस्ट फैकल्टी भर्ती प्रक्रिया सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। परिषद का कहना है कि छात्र-छात्राओं के अधिकारों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या समाधान निकालता है या फिर छात्रों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा

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