मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट 2022 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 2 वर्षों से देश का विकास कोरोना के कारण प्रभावित रहा है। इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जो सराहनीय है। संतुलित बजट पेश करने के लिए मैं केंद्र सरकार को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार द्वारा देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है।

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नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 80 लाख नए आवास बनाने की घोषणा हुई है। वह भी स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में इस वर्ष और अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी। इससे राज्य सरकार की वित्तीय कठिनाइयां कम होगी और राज्यों को राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इस वर्ष केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के स्ट्रेच में प्राकृतिक खेती का कोरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार का यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस बजट में धान और गेहूं की अधिप्राप्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा।

JDU नेता बोले- बिहार के लिए निराशाजनक है बजट
JDU के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय बजट पर निराशा व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्रीय बजट विकसित राज्यों‌ के लिए ऐतिहासिक, परंतु बिहार के लिए निराशाजनक है। वित्त मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर हम सभी बिहारवासियों को निराश किया है। उन्होंने हैश टैग किया है और लिखा है कि #देशकेप्रधानबिहारपरदें_ध्यान।

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RJD प्रवक्ता बोलीं- बजट ने निराश और हताश किया
RJD प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि बजट ने बिहारवासियों को निराश और हताश किया है। इस बजट से शायद नीतीश कुमार को भी काफी उम्मीद थी इसलिए वे लगातार चुप थे, इंतजार कर रहे थे। लेकिन, बजट ने सब को निराश किया है। ऐसे में अब नीतीश कुमार को नैतिक रूप से BJP के साथ एक मिनट भी नहीं रहना चाहिए।

RJD बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मांगती रही है। इसकी शुरुआत राबड़ी देवी ने तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी से विशेष राज्य का दर्जा मांग कर की थी। केंद्र सरकार ने बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं ही दिया। इस बजट में विशेष पैकेज भी पिछड़ापन दूर करने के लिए नहीं दिया। नीति आयोग की रिपोर्ट जारी करने का क्या फायदा?

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