राज्य के सभी 534 अंचलों के तकरीबन 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम मंगलवार से शुरू हो गया। सर्वे के लिए सभी अंचल मुख्यालय में एक सर्वे शिविर या कैंप कार्यालय बनाया गया है। अधिकांश स्थानों पर इसे अंचल कार्यालय कैंपस में ही बनाया गया है।
कुछ अंचल कार्यालयों में स्थान उपलब्ध नहीं होने के कारण कैंप कार्यालय को आधुनिक रिकॉर्ड रूम या कुछ स्थानों पर पंचायत सरकार भवन में भी बनाया गया है। हाल में बहाल किए गए लगभग सभी 9 हजार 888 सर्वे कर्मियों की ट्रेनिंग देने के बाद इन्हें सर्वे के काम में लगा दिया गया है। इन कर्मियों में अमीन, कानूनगो समेत अन्य शामिल हैं। सर्वे का यह काम 2025 तक पूरा कराने का लक्ष्य फिलहाल निर्धारित किया गया है। राज्य में 60 फीसदी गांव ऐसे हैं, जिनमें खेसरा या जमीन के प्लॉट की संख्या 2 हजार से कम है। पहले इनमें सर्वे किया जाएगा। शेष गांवों में खेसरा की संख्या 5 से 10 हजार के बीच है, जिनका सर्वे इनके बाद होगा। फिलहाल सर्वे का काम सिर्फ गांवों में ही किया जा रहा है। दियारा इलाके, टोपोलैंड और नगर निकाय के अंतर्गत आने वाले अधिसूचित क्षेत्रों में यह सर्वे नहीं होगा।
हर चार गांव पर एक अमीन की तैनाती
सर्वे का काम तेजी से करने के लिए प्रत्येक 4 गांव पर एक अमीन बहाल किया गया है। प्रत्येक अंचल में बनाए गए सर्वे शिविर से सभी संबंधित अमीन जुड़े रहेंगे।
इस कार्यालय का प्रभारी एक एएसओ (सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी) हैं। इसमें दो कानूनगो और दो क्लर्क भी रहेंगे। पहले से जिन 89 अंचलों में सर्वे चल रहा है, वहां के 208 शिविरों को इसी से जोड़ा गया है।
सभी अंचलों में जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। रैयतों से जमीन के दस्तावेजों को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए कहा जा रहा है। जमीन के सर्वे में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जा रहा है।
इसे भी पढ़ें
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें