नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा लेटरल इंट्री के माध्यम से सीधी नियुक्ति में आरक्षण खत्म किए जाने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है।
शनिवार को अपने बयान के साथ यूपीएससी द्वारा प्रकाशित विज्ञापन भी जारी किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यूपीएससी ने लेटरल इंट्री के जरिए सीधे 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली हैं, लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से 45 आईएएस की नियुक्ति करती तो उसे एससी/एसटी और ओबीसी को आरक्षण देना पड़ता यानि 45 में से 22-23 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यवस्थित तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है।
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