भारत के दो प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने एक-दूसरे के कुछ ही घंटों के भीतर टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा कर दी, क्योंकि दोनों कंपनियां 5G सर्विसेज से पैसे कमाने और इस क्षेत्र की वित्तीय सेहत सुधारने का रास्ता तलाश रही हैं.
जियो ने टैरिफ में 12-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी इसके कुछ प्रीमियम प्लान में हुई है. सबसे ज्यादा पॉपुलर प्लान 28 दिनों की वैधता और प्रतिदिन 1.5 जीबी डेटा में सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एयरटेल ने कीमतों में 11-21 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. दोनों के लिए नई कीमतें 3 जुलाई से लागू होंगी. तीसरी टेलीकॉम कंपनी, वोडाफोन आइडिया (Vi) ने प्रकाशन के समय तक बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की थी, लेकिन उम्मीद है कि वीआई भी ऐसा ही करेगी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारती एयरटेल ने कहा है कि भारत में दूरसंचार कंपनियों के लिए वित्तीय रूप से स्वस्थ व्यवसाय मॉडल को सक्षम करने के लिए मोबाइल औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) 300 रुपये से ऊपर होना चाहिए, इस संदर्भ में हम टैरिफ को सुधारने के लिए उद्योग में की नए प्लान्स को लॉन्च की गई है.
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एयरटेल का ARPU 209 रुपये
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जियो का ARPU 181.70 रुपये
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वोडाफोन आइडिया का 146 रुपये
जेपी मॉर्गन ने कहा, “जियो ने अनलिमिटेड 5G डेटा के लिए सीमा को 1.5GB/दिन की योजनाओं से बढ़ाकर 2GB/दिन कर दिया है, जिससे 5G यूजर्स के लिए टैरिफ में 46% की वृद्धि हुई है, जो 5G मुद्रीकरण को बढ़ावा देने वाली कुल बढ़ोतरी का 2 गुना है.”
हाल ही में संपन्न स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार कंपनियों की ओर से सुस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिससे सरकारी खजाने को सिर्फ 11,340 करोड़ रुपये मिले – जो सरकार के 96,238 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य का मात्र 12 प्रतिशत है. हालांकि, 2022 में कंपनियों ने 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए थे.
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