बिहार के हाईस्कूल व प्लसटू में शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अब वे साल में दो बार पात्रता परीक्षा दे सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) अब साल में दो बार कराने का फैसला लिया गया है।
इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने तैयारी भी शुरू कर दी है। जल्द ही इसकी तिथि जारी की जाएगी। यह जानकारी बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी।
शनिवार को आयोजित बोर्ड के एक कार्यक्रम के दौरान आनंद किशोर ने मीडिया को बताया कि बीएड करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह सुनहरा मौका होगा। इसके तहत हर साल तय शेड्यूल पर दो बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षाएं होंगी।
इन निर्णय से न केवल युवाओं के पास अधिक अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने में भी मदद मिलेगी।
इस समय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में कई ऐसे विषय है जिनके लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं। मसलन, गणित, विज्ञान, भाषा आदि। इसलिए हाईस्कूल व प्लसटू विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा साल में दो बार लेने का निर्णय लिया है।
हर साल कराने का था लक्ष्य
एसटीईटी हर साल लेने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन बीते 13 वर्षों में यह केवल तीन बार ही हो सकी है। सबसे पहले वर्ष 2011 में एसटीईटी का आयोजन हुआ था। दूसरी एसटीईटी में ही आठ साल लग गए।
इस दौरान कोई परीक्षा नहीं हो पायी। वर्ष 2011 के बाद दूसरी एसटीईटी वर्ष 2019 में आयोजित हुई थी। लेकिन, प्रश्न पत्र लीक होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
फिर ऑनलाइन मोड में वर्ष 2020 में यह परीक्षा हुई। इसके बाद तीसरी बार सितंबर 2023 में परीक्षा ली गई है।
एसटीईटी में विलंब के कारण शिक्षक नियुक्ति की प्रकिया भी प्रभावित हुई।
एसटीईटी 2023 का रिजल्ट तीन अक्टूबर को
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि एसटीईटी-2023 का रिजल्ट तीन अक्टूबर को जारी करने का लक्ष्य रखा गया है।
हमारा उद्देश्य एसटीईटी समाप्त होने के 15 दिनों के अंदर रिजल्ट देने का है। इसी को देखते हुए परीक्षा परिणाम तीन अक्टूबर को जारी करने की तैयारी की जा रही है। एसटीईटी का आयोजन ऑनलाइन मोड में चार से 18 सितंबर तक हुआ था।
परीक्षा में चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा दो पालियों में ली गयी। प्रथम पाली में नौवीं और दसवीं के विषयों की और दूसरी पाली में 11वीं और 12वीं के विषयों की परीक्षा आयोजित हुई थी।
पहली बार एक साथ 46 विषयों की परीक्षा ली गयी है। इसमें पेपर-एक में 17 विषय और पेपर-दो में 29 विषय शामिल थे।