जब हम पार्लियामेंट में थे तभी से महिला आरक्षण बिल के समर्थन में रहे हैं। यह लागू हो रही है अच्छी बात है। लेकिन इसके साथ-साथ हमने बहुत सारी बातें कही थी। यह लागू तो करेंगे नहीं तो इनको जो करना था जनगणना, हो जाना चाहिए था 2021 में हर 10 साल पर होता था। वो तो हो नहीं रहा है। आप लोग तो जानते ही हैं महिलाओं के लिए हम कितना किए हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, से पहले महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण हम ही लोगों ने दिया। 2006 में पंचायत का और 2007 में नगर निकाय का आरक्षण लागू किया। उसके बाद हम लोगों ने कितनी महिलाएं की बहाली शुरू करवाई। शिक्षक बहाली में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली हो रही थी तो हमने लड़कियों के लिए इसमें 50% आरक्षण दे दिया। आप खुद सोच लीजिए यह सब चीज कहीं था।
इसके आगे नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के हर एक बहाली में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण दे दिया। इसका असर देखिए कि आज देश में बिहार में जितनी महिला पुलिसकर्मी है उतना कहीं नहीं है। तो हम लोगों ने जितनी जगह महिलाओं को समर्थन किया है इसलिए कह रहा है कि महिला आरक्षण के लिए बिल लागू होना चाहिए। महिला को जरूर आरक्षण मिलना चाहिए।
उधर आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि, महिला को आरक्षण मिले इसमें कहीं कोई गलती नहीं है लेकिन हमारा एक डिमांड है, जो पिछड़ा और अतिपिछड़ा के महिलाओं को और लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण अलग से मिलना चाहिए। यह हमारा डिमांड है।
इधर से सचिवालय के चक निरीक्षण करने को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम कल ही कह दिए थे कि हम अब यही बैठेंगे तो आज देखिए हम 9:30 बजे सचिवालय पहुंच गए। सब का हाल-चाल लिए तो देखिए आज कई अधिकारी गायब है हम वापस आएंगे और फिर सब कुछ देखेंगे कि वह लोग वापस ऑफिस आया या नहीं आया। हम सप्ताह में 3 दिन सचिवालय आएंगे औचक निरीक्षण करेंगे