अब स्कूल के अलावा बाहर के प्राइवेट वाहन से बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने में सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन की होगी।
वे लोग किसी घटना पर यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकेंगे कि जिस वाहन से घटना हुई, वह उनके स्कूल का नहीं, बल्कि प्राइवेट है।
जिला परिवहन विभाग ने इसके लिए स्कूलों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
प्रबंधन से कहा गया है कि स्कूल के अलावा जो भी वाहन बच्चों को लाने और ले जाने में इस्तेमाल होते हैं, उसकी डिटेल सूची बनाएं।
सूची में वाहनों का नंबर, चालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र आदि का जिक्र होना अनिवार्य है।
साथ ही बच्चों के लिए प्रयोग में लाने वाले वाहनों को बाल परिवहन का हर मानक पूरा करना होगा। इससे जुड़ी पूरी डिटेल स्कूल प्रबंधन को जिला परिवहन कार्यालय को उपलब्ध करना होगा।
यदि सूची के अलावा कोई भी वाहन स्कूली बच्चों को ले जाने या लाने के दौरान पकड़ा जाता है तो उनके विरुद्ध एमवी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
साथ ही उन वाहनों को स्कूली बच्चों के प्रयोग से रोका जा सकता है।
इसके लिए डीटीओ जनार्दन कुमार ने निर्देश जारी किया है। उन्होंने निर्देश में कहा है कि जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं। उनके सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है। इस कारण अभिभावकों के साथ भी इस बात पर बैठकर चर्चा कर लें।
स्कूल प्रबंधन को अपने और बाहर चलाए जा रहे वाहन और चालकों की पूरी डिटेल रखनी होगी। साथ ही इसकी कॉपी परिवहन विभाग को देनी है।
जनार्दन कुमार, डीटीओ, भागलपुर