इस नवरात्र मां दुर्गा तीन राज्यों के युवाओं के लिए रोजगार लेकर आ रही है। पूजा के दौरान बिहार, झारखंड व बंगाल के 10 हजार से अधिक युवाओं को काम मिलेगा।
अम्बे के मूर्तिकार रंजीत पंडित ने बताया कि एक प्रतिमा निर्माण में चार से पांच लोगों की जरूरत होती है। शहर में कई प्रतिमाएं स्थापित होती हैं। इस दौरान पांच सौ से अधिक लोगों को प्रतिमा निर्माण में रोजगार मिल जाता है।
नवरात्र आते ही टेंट, बिजली व सजावट का काम करने वालों की मांग बढ़ने लगी है।
हड़ियापट्टी स्थित छितनू सिंह अखाड़ा के पूर्व सचिव व वस्तु भंडार से जुड़े मोहित आचार्या ने बताया कि भागलपुर में विभिन्न पूजा-पंडालों में दो हजार से अधिक युवकों को रोजगार मिलता है।
मोहद्दीनगर दुर्गामंदिर में दो सौ अधिक लोगों को नवरात्र के दौरान काम मिलेगा। उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता राकेश रंजन केशरी ने बताया कि पंडाल में 15, ढाक में छह, भोग को तैयार करने में आठ रसोइया, तीन मूर्तिकार, दो मजदूर और आठ लोगों को लाइट के काम में रोजगार मिलता है।
आकर्षक ढंग से पूजा होने के कारण यहां सौ से अधिक फुटकर दुकानें सजती हैं। बंगाल से ढाक बजाने वाले आते हैं। वहीं कालीबाड़ी दुर्गामंदिर में 50 लोगों से अधिक को रोजगार मिलेगा।
महासचिव विलास कुमार बागची ने बताया कि पंडाल में 10, ढाक बजाने में तीन, भोग बनाने में 10 रसोइया, मूर्तिकार तीन, पुरोहित दो, मजदूर आठ, लाइट में कम-से-कम चार लोगों की जरूरत पड़ती है।
इसके साथ मेला में कई फुटकर दुकानदारों को भी रोजगार मिलता है।