प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस देश को सिर्फ बड़े बाजार के रूप में देखा जाता था, वह अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का एक हिस्सा बन गया है।
भारत ने दुनिया का दृष्टिकोण बदल दिया है। जी20 की अध्यक्षता मिलने से पूरा विश्व हमें समझ रहा है।
जी20 शिखर सम्मेलन से पहले समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के अनुभव को देखते हुए यह माना गया कि संकट के दौरान भी मानव केंद्रित दृष्टिकोण काम करता है।
कोविड महामारी के दौर में भारत का मानवीय मदद का दृष्टिकोण, दुनिया का सबसे बड़ा टीका अभियान,150 देशों के साथ दवाओं और टीकों को साझा करने जैसे प्रयासों को विश्व ने समझा और उसे सराहा।
भविष्य का रोडमैप
उन्होंने कहा कि जब भारत जी-20 का अध्यक्ष बना, तब दुनिया के लिए हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को केवल विचारों के रूप में नहीं, बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में लिया जा रहा था।
वसुधैव कुटुम्बकम सिर्फ नारा नहीं, व्यापक दर्शन
पीएम ने कहा, जी-20 बैठक की अध्यक्षता का विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की ओर, यह सिर्फ नारा नहीं है बल्कि व्यापक दर्शन है, जो सांस्कृतिक लोकाचार से लिया गया।
आंदोलन का जरिया
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने कई पहल की हैं। ये पहल एक बड़े वैश्विक आंदोलन का जरिया भी बन रहे हैं। दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान हमने चलाया।
भारत को एक अरब से अधिक भूखे लोगों के राष्ट्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब एक अरब आकांक्षी प्रतिभाओं, दो अरब से अधिक कुशल हाथों वाले राष्ट्र के रूप में देखा जा रहा है।
– नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री