नई दिल्ली। भारत के चांद पर भेजे जाने वाले मिशन को वैज्ञानिकों ने सोमयान नाम दिया था। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका नाम बदलकर चंद्रयान कर दिया था।
भारत के चंद्र मिशन की शुरुआत व इसका नाम तय करने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है।
1999 में चंद्र मिशन को सरकारी मंजूरी दी गई थी। तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने न केवल अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए प्रेरित किया, बल्कि अपने संस्कृत कौशल का उपयोग करके मिशन का नाम चंद्रयान रखा।
पर चंद्रमिशन के नाम में बदलाव होने से वैज्ञानिक खुश नहीं थे। उनकी पहली पसंद अभी भी सोमायन ही थी।
उन्होंने संस्कृत श्लोक ‘त्वं सोम! प्रचिकितो मनीषा। त्वं रजिष्ठ मनु नेषि पन्थाम।’
से प्रेरित होकर मिशन का नाम तय किया था। इसका मतलब है ‘हे चंद्रमा हमें आपको अपनी बुद्धि के माध्यम से जानने में सक्षम होना चाहिए। आप हमें सही मार्ग के माध्यम से प्रबुद्ध करते हैं’।
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