दुरूस्त करने में जुटे अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक बार फिर से गाज गिरायी है. इस बार शिक्षा विभाग के मुख्यालय यानि सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है. केके पाठक के निर्देश के बाद बड़े पैमाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है.
शिक्षा विभाग के निदेशक(प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने मंगलवार को इस संबंध में पत्र जारी किया है. इस पत्र में शिक्षा विभाग के सभी प्रशाखा पदाधिकारियों, सहायकों और संचिका उपस्थापन से संलग्न सभी लिपिकों का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है. उनके कामकाज में लापरवाही पकड़े जाने के बाद ये आदेश जारी किया गया है.
निदेशक(प्रशासन) के पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के प्रशाखाओं के निरीक्षण के दौरा ये पाया गया कि प्रशाखा पदाधिकारियों औऱ सहायकों ने अपना काम सही से नहीं किया है. उन्हें बेकार पड़ी फाइलों(संचिकाओं) को नष्ट करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अनुपयुक्त और नष्ट करने योग्य फाइलें विभाग में पड़ी हुई हैं. ये विभाग के आदेश की अवहेलना है. लिहाजा अगले आदेश तक संचिकाओं से संबंधित सारे प्रशाखा पदाधिकरियों, सहायकों और लिपिकों के वेतन पर रोक लगा दिया गया है. कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन की मंजूरी देने वाले निकासी और व्ययन पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया गया है.
बता दें कि केके पाठक ने शिक्षा विभाग में सफाई अभियान चलाया है. शिक्षा विभाग में दशकों पुरानी कई ऐसी फाइलें पड़ी हुई हैं जिनकी कोई जरूरत नहीं है. केके पाठक ने बेकार पड़ी फाइलों को नष्ट करने का निर्देश दिया है. वहीं, जो फाइलें अटका कर रखी गयी हैं उन्हें निष्पादित करने का आदेश दिया गया है. पिछले रविवार को शिक्षा विभाग में इसके लिए खास अभियान चलाया गया था. तमाम पदाधिकारियों औऱ कर्मचारियों को इस काम में लगाया गया था.
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