प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की निगरानी, क्रियान्वयन और निरीक्षण का काम कालांतर में प्रखंड विकास पदाधिकारियों की बजाय प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी (बीपीआरओ) कर सकते हैं।
पंचायती राज विभाग ने आवास योजनाओं की देखरेख का काम ग्रामीण विकास विभाग से स्थानांतरित करने को कहा है।
ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए सभी जिलों के डीएम और डीडीसी को पत्र भेजा है।
हालांकि, ये काम कब स्थानांतरित किए जाएंगे यह तय नहीं है,
लेकिन ग्रामीण विकास विभाग के पत्र के बाद अधिकारियों का मानना है कि जल्द बीपीआरओ जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
गत 19 जुलाई को पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा, जिसमें आवास योजनाओं की निगरानी, क्रियान्वयन, स्थल चयन और निरीक्षण का काम सौंपने का अनुरोध किया गया था।
पत्र में कहा गया है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के प्रावधानों एवं वर्तमान परिदृश्य में पंचायतों की भूमिका अधिक हो गई है। इसीलिए 11वीं अनुसूची में अंकित विषयों में से ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित कार्यों एवं शक्तियों को पंचायती राज विभाग को दे दिया जाए।
पत्र में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद स्तर पर किए जाने वाले ग्रामीण आवास योजनाओं का भी जिक्र किया गया है।
पंचायती राज के पत्र के बाद 31 जुलाई को ग्रामीण विकास विभाग ने डीएम व डीडीसी को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पत्र भेज दिया है।
ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव रवि कुमार ने बताया कि पंचायती राज विभाग ने आवास योजना से संबंधित कार्यों को स्थानांतरित करने के लिए पत्र भेजा था।
उसी आलोक में डीएम व डीडीसी को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
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