बिहार में स्मार्ट बिजली मीटर का असर दिखने लगा है। समय पर बिजली बिल जमा करने के कारण अपने गठन के 65 वर्ष में पहली बार बिजली कंपनी मुनाफे में आ गई है। देश के अन्य राज गुजरात आंध्र प्रदेश सहित करीब करीब आधा दर्जन प्रदेशों में अब बिहार का नाम भी शामिल हो गया है जहां बिजली कंपनी मुनाफे में है।

दर्शन मैं बिहार के बिजली कंपनी के तरफ से जा रही डेटा के अनुसार, बिहार राज्य विद्युत बोर्ड का गठन 1958 में हुआ था। इसके बाद 1 नवंबर 2012 को इस बोर्ड को भंग कर पांच कंपनियों का गठन किया गया। जिसका उद्देश्य बोर्ड के वित्तीय घाटे को कम करना था। ऐसे मैं अपने गठन के 65 वर्ष बाद यह कंपनी मुनाफे में आई है।

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मालूम हो कि वर्तमान में राज्य में शहरी क्षेत्र में 23 से 24 घंटे बिजली और ग्रामीण क्षेत्र में 20 से 22 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2022- 23 में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की 17982.26 करोड़ रुपए हो गई है.जो पिछले वर्ष के वित्तीय आई से 42 फ़ीसदी अधिक है। इस तरह साउथ बिहार बिजली कंपनी ने 422.68 करोड़ रुपया का मुनाफा अर्जित किया है। कंपनी ने 77 फिर भी आमदनी उपभोक्ता से प्राप्त की है

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