अक्सर बचपन में हम जब जो भी सुनते थे उस पर तुरंत विश्वास कर लिया करते थे. ना तो ज्यादा सवाल और ना ज्यादा जवाब…तुमने कहा और हमने माना ये वाला हिसाब-किताब हुआ करता था. लेकिन इन्हीं की सच्चाई जब बड़े हुए तो हमें पता चली कि सच्चाई तो इनमें एक प्रतिशत भी नहीं होती है. ये तो सिर्फ कहानियां हुआ करती जिन्हें सुनकर हम बड़े हुए और आज हम सब इसे मिथ के तौर पर देखते है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसा मिथ बताएंगे जिसे आपने बचपन जरुर सुना होगा
जी, हां बात कर रहे हैं सियार और शेरनी की शादी के बारे में…ये सिर्फ एक मिथ नहीं बल्कि जवाब था हमारे सवाल का जब हम अपने घरवालों और रिश्तेदारों से पूछते थे कि आखिर बारिश और धूप एक साथ कैसे? तो हम सभी को यही जवाब देकर बरगला दिया जाता था. लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.
इसका जवाब वैज्ञानिक तौर पर देखें तो यही है कि कई बार ज्यादा ऊंचाई पर बादल अलग-अलग बंटे होते हैं और एक साथ ना होने के कारण ये जगह-जगह फैले होते हैं. जिस कारण इनमे गैप बन जाता है और सूरज की किरणों के धरती तक पहुंचने का कारण बनता है.
यही कारण है कि कई बार एक ही समय पर बारिश और धूप एक साथ खिली रहती है. हालांकि इस वक्त सूर्य की किरणें हमारे ठीक ऊपर ना होकर थोड़ी तिरछी होती हैं. वैसे अगर अब आपसे कोई इसका जवाब पूछे तो ये वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित वाला जवाब देना ना कि शेर और सियार वाला.
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