गोपालपुर प्रखंड के सैदपुर गांव का उच्च विद्यालय जर्जर स्थिति में पहुंच गया है ।
विद्यालय का भवन कभी भी धराशायी हो सकता है जर्जर विद्यालय की जानकारी शिक्षा विभाग को है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गयी है । विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में कोई ऐसा कमरा नहीं है जिसमें पठन-पाठन सही से हो ।
छत से बरसात के समय पानी रिसाव के कारण बेंच-डेस्क व उपस्कर बर्बाद हो रहे हैं । जान हथेली पर रख कर विद्यालय में पठन-पाठन कराते हैं ।
इस विद्यालय में 400 से अधिक छात्र नामांकित हैं ।
पिछले दिनों ग्रामीणों ने धरना व प्रदर्शन भी किया था ।
जानकारी के अनुसार आजादी के पूर्व 1941 में गोपालपुर प्रखंड के सैदपुर के ग्रामीणों ने उच्च विद्यालय की स्थापना की थी उस समय विद्यालय खपरैल के भवन में चलरहा था ।
मरम्मत नहीं कराने के कारण भवन जर्जर होकर अधिकांश भाग धराशायी हो गया ।
गत वर्ष शिक्षा विभाग के अभियंताओं ने सांसद की पहल पर उक्त भवन का निरीक्षण कर उसे रिजेक्ट कर तत्काल नये भवन में पठन-पाठन शुरू करने को कहा था ।
अभियंताओं ने कहा कि कभी भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती है ।इस विद्यालय के बच्चों को कहीं दूसरे भवन में पढ़ाने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाये, लेकिन शिक्षा विभाग के अभियंताओं के रिजेक्ट करने की रिपोर्ट के बावजूद इस विद्यालय में पूर्व की तरह पढ़ाई हो रही है । कभी भी किसी भी तरह की घटना हो सकती है ।
विद्यालय के जर्जर भवन की सूचना प्रति वर्ष प्रधानाध्यापक के माध्यम से शिक्षा विभाग को दी जाती है, लेकिन किसी तरह की पहल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नहीं किया है ।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा ने बताया था कि वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर के शिक्षा समिति स्तर पर चर्चा कराने की जानकारी दी ।
समय रहते शिक्षा विभाग नहीं चेता, किसी दिन यह विद्यालय गिर जायेगा और छात्रों के जान पर संकट आ सकता है.
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