Dhirendra Shastri बड़ी खबर मुजफ्फरपुर से आ रही है, जहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है।
धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और प्रवचनों के जरिए अंधविश्वास को बढ़ावा देने का काम किया है। अधिवक्ता सूरज कुमार ने एसीजेएम सब जज पश्चिमी की अदालत में धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर किया है। इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होगी।
परिवाद दायर कराने वाले वकील सूरज कुमार ने कहा है कि उदयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर धाम (Dhirendra Shastri) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खुद को भगवान हनुमान का अवतार बताया था। उनके इस बयान से हिंदू समाज के करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंची है। इस विवादित बयान को लेकर ही आईपीसी की धारा 295 A, 298, 505 के तहत धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है।
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सूरज कुमार ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ धार्मिक भावना को आहत करने का आरोप लगाते हुए एसीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट ने इस परिवाद को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर सुनवाई की तिथि 10 मई निर्धारित की गई है। बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 5 दिनों के दौरे परप पटना आ रहे हैं। 13 से 17 मई तक पटना के नौबतपुर में उनका कार्यक्रम आयोजित होना है, जिसमें वे प्रवचन करेंगे।
धीरेंद्र कृष्ण का जन्म और पालन-पोषण एक हिंदूगर्ग परिवार में हुआ, जहां उनके पिता एक पुजारी के रूप में काम करते हैं। कथित तौर पर शास्त्री को भगवान हनुमान ने बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर बनने और समाज सेवा के लिए काम करने का निर्देश दिया था। उनके अनुसार न ही वो किसी देवता के अवतार हैं न ही वो कोई तांत्रिक हैं, मात्र एक साधारण मानव हैं जिनके पास हनुमान जी और संयासी बाबा के आशीर्वाद से सिद्धियां प्राप्त हैं| वे इन शक्तियों को जनकल्याण और मानव सेवाहितार्थ काम में लेते है और उनकी मानसिक ,शारीरिक समस्याओ का निदान करते है | पंडित धीरेंद्र जी शास्त्री के द्वारा बागेश्वर धाम की सेवा 3 पीढ़ियों से की जा रही है