बैंड-बाजा और बारात। जी हां, एक मई से दुल्हन के घर खुशियां लेकर बारात आएगी। इस साल नौ माह में 50 दिन शहनाई बजेगी। हालांकि इस बार शहनाई बजाने में अधिक खर्चशुभ करना पड़ेगा। पिछले साल की तुलना में इस साल किराये में पांच से 10 हजार अधिक रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि एक मई से शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा। मई में शादी-विवाह का 19 दिन शुभ मुहूर्त है, जबकि जून में 16 दिन शहनाई बजेगी। इसके बाद भगवान के देवशयन होने के कारण जुलाई से अक्टूबर तक शादियां नहीं होंगी। इसके बाद 23 नवंबर से विवाह शुरू होंगे।

इस साल तुलसी विवाह के दिन नहीं होंगी शादियां

उन्होंने बताया कि इस साल 117 दिन के बाद भगवान योग निद्रा से जागेंगे, लेकिन देव प्रबोधनी एकादशी पर विवाह नहीं होंगे। भगवान चार नवंबर को जागेंगे।

आमतौर पर इसी दिन से विवाह शुरू हो जाता है, लेकिन जनसाधारण के लिए विशेष विवाह मुहूर्त देवउठनी एकादशी से शुरू नहीं होंगे।

इस बार देवउठनी एकादशी के दिन शुक्र तारा अस्तचल रहा होगा। उन्होंने बताया कि पांच नवंबर को तुलसी विवाह संपन्न होगा। सूर्य और शुक्र की स्थिति सही नहीं होने के कारण विवाह के मुहूर्त नहीं बन रहे हैं।

शुक्र विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। ग्रहों की गणना के अनुसार 23 नवंबर को शुक्र का उदय होने के बाद वैवाहिक कार्यक्रम अन्य धार्मिक आयोजन हो सकेंगे। पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त दिसंबर 14 व बनारसी पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर तक तक रहेगा। इसके बाद 16 नवंबर से सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने से मलमास प्रारंभ होगा।

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