केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट लोकसभा में पेश करेंगे. संभावना जताई जा रही है कि वे इस बजट में कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए नई घोषणा कर सकती हैं. पिछली बार 7वां वेतन आयोग 8 साल पहले आया था. ऐसा में क्या सरकार 8वें वेतन आयोग का ऐलान करेगी या उसके स्थान पर कोई नई व्यवस्था करेगी. इस पर भी बड़ा ऐलान हो सकता है. 

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक देश में अगले साल संसद के आम चुनाव हैं. इन चुनावों में केंद्रीय कर्मचारियों का रुख काफी मायने रखता है. लिहाजा सरकार इस वर्ग को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. माना जा रहा है कि सरकार अगले संसदीय चुनाव सें पहले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने से जुड़ा कोई न कोई बड़ा ऐलान जरूर करेगी.

वहीं कर्मचारी संगठन अपने लिए 8वें वेतन आयोग की घोषणा की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले 7वें वेतन आयोग में कर्मियों को बहुत कम सैलरी हाइक मिला था. हालांकि सरकार इसके स्थान पर कर्मचारियों के लिए कोई ऐसी ऑटोमेटिक व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है, जिससे कर्मचारियों का वेतन हर साल अपने आप रिवाइज हो जाया करे. इसके लिए आगामी बजट में सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है.  

सरकार की मंशा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग की घोषणा करने के बजाय उनके लिए प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की तरह बढ़िया इंक्रीमेंट दिया जाए. इसके लिए सरकार की एक कमेटी इस पर विचार भी कर रही है. सरकार यह बात भी स्पष्ट कर चुकी है कि नया वेतन आयोग बनाने से जुड़ा कोई प्रस्ताव उसके पास फिलहाल विचाराधीन नहीं है. ऐसे में नए वेतन आयोग के गठन की संभावना फिलहाल कम ही लगती है. 

करीब 8 साल पहले लागू हुए 7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों को कई फायदे दिए गए थे. इसके तहत कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हर 6 महीने में रिवाइज हो जाता है. इसकी वजह से कर्मचारियों की सैलरी उसके हिसाब से अपने आप बढ़ती रही है. अब कर्मियों की निगाह इस बात पर है कि नई व्यवस्था लागू होने पर भी उसमें महंगाई भत्ते का ऑटोमेटिक रिवीजन पहले की तरह होता रहेगा या उसमें किसी तरह का बदलाव किया जाएगा. इसी मुद्दे पर अब सबकी निगाहें लगी हुई हैं. 

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