बिहार के छपरा में हुई जहरीली शराब कांड को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत जहरीली शराब कांड की जांच सीआईडी की मद्य निषेध विभाग की टीम कौ सौंपी गई है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है.

पटना. दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा जिले में हुई जहरीली शराब कांड को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. छपरा जहरीली शराब कांड की जांच अब सीआईडी की मद्य निषेध विभाग की टीम करेगी. राज्य सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह अहम फैसला ले लिया है. पिछले 14 दिसंबर को छपरा के मशऱख और इसुआपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब कांड में 80 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे.

विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटा हुआ था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई है और 9 जनवरी को सुनवाई की अगली तारीख भी तय की गई है लेकिन इसके पहले बिहार सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह फैसला लिया है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी जांच की पुष्टि करते हुए कहा है कि ससमय जांच और गुणवत्तापूर्ण जांच को लेकर यहां फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को देखते हुए ही या फैसला लिया गया है. जानकार भी इस बात को बेहिचक स्वीकार करते हैं क्योंकि जांच का दायरा पहले एसआईटी की टीम के पास था और एसआईटी छपरा पुलिस की थी और अब जांच का दायरा बढ़ गया है.

राज्य स्तर पर मद्य निषेध विभाग अपराध अनुसंधान विभाग की मद्य निषेध विभाग की टीम इसकी जांच करेगी. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. भाजपा ने 20 दिनों के बाद इस मामले को सीआईडी को सौंपने पर सवाल उठाया है. सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं का कहना है कि सीआईडी जांच के बाद निष्पक्ष रिपोर्ट सामने आएगी और सरकार की मंशा किसी को बचाने या फंसाने की नहीं है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि हमें जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए और जांच रिपोर्ट आ जाएगी तो बेवजह आरोप लगाने की प्रवृत्ति भी खत्म होगी.

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