केन्द्र सरकार अतिपिछड़ा को एससी/एसटी में करे शामिल
पटना में सोमवार को अखिल भारतीय अतिपिछड़ा महासभा के आरक्षण अधिकार पदयात्रा का समापन हो गया।
इसको लेकर महासभा का प्रतिनिधिमंडल राज्य के राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर उन्हें ज्ञापन भी सांपा है।
यह जानकारी देते हुए मंगलवार को प्रखंड के औलियाबाद निवासी सह अतिपिछड़ा महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पप्पू सिंह निषाद ने केंद्र सरकार से अतिपिछड़ा समाज को एससी/एसटी में शामिल करने की मांग किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिहार के मल्लाह निषाद ( बिंद, बेलदार, चांय, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट), नोनिया, कैवर्त, गंगोता, के अलावे लोहार, पाल (गरेड़ी), माली (मालाकार), प्रजापति (कुम्हार), नाई, कानू, राजधोबी,चन्द्रवंशी (कहार, कमकर), तुरहा एवं राजभर आदि जाति को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति में शामिल करने हेतु कई वर्ष पूर्व में ही अनुशंसा पत्र एवं इथनोग्राफिक रिर्पोट केन्द्र सरकार को भेजी गई थी।लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है।
जिसके कारण अतिपिछड़ा समाज में आक्रोश व्याप्त है।महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन सहनी ने भी केन्द्र सरकार के दोहरी नीति को देखकर प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र लिखा है।जिसपर भी अभी तक कोई विचार विमर्श नहीं किया गया है।जब अतिपिछड़ा समाज सरकार बना सकता है, तो सरकार मिटा भी सकता है।
अगर 2024 लोक सभा चुनाव से पहले बिहार सरकार द्वारा भेजी गई इथनोग्राफिक रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र सरकार आरक्षण लागू नहीं करती है, तो आगे भी जन आन्दोलन किया जाएगा अति पिछड़ा समाज के हक और अधिकार एवं आरक्षण की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।