भागलपुर। पति की हत्या में पत्नी और उसका प्रेमी दोषी करार दिया गया है। मामला इतना चौंकाने वाला था कि महीनों तक इसकी चर्चा हुई। बेवफाई की सारी हदें पार कर पत्नी ने पहले प्रेमी को पति के साथ मिलकर मारा फिर उसे अपने घर के आंगन में…

अनुसूचित जाति जनजाति मामलों के विशेष न्यायाधीश रोहित शंकर की अदालत ने सोमवार को पति कैलू दास की हत्या में पत्नी सरिता देवी और उसके प्रेमी दिनेश यादव को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश ने सजा बिंदु पर निर्णय के लिए 18 नवंबर की तिथि तय कर दी है। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रमेश कुमार चौधरी ने बहस में भाग लिया। कचहरी परिसर में सोमवार को सन्हौला से काफी संख्या में लोग सुनवाई का हाल जानने पहुंचे थे।

* _ प्रेमी संग मिलन में बाधक पति को पहले काटा फिर आंगन में ही कर दिया था दफन

*_ चार दिनों बाद दुर्गंध फैली तो उजागर हुआ था कत्ल का पोशीदा राज

सन्हौला थाना क्षेत्र के रमासी गांव के लोग नौ जुलाई 2019 को तब उबल पड़े थे, जब मिट्टी में दफन 35 वर्षीय कैलू दास का शव दुर्गंध फैलने पर खोद कर निकाला गया था। कैलू की बेवफा पत्नी सरिता देवी ने अपने प्रेमी दिनेश यादव के साथ मिलकर पति को न सिर्फ काट डाला था, बल्कि उसके शव को घर के बरामदे में ही दफना दिया था। कत्ल करने के बाद उन्हें यह लगा था कि कत्ल का पोशीदा राज बरामदे में ही दफन कर देने पर कभी बाहर नहीं आएगा। लेकिन कत्ल का पोशीदा राज छह जुलाई 2019 की रात के तीसरे दिन ही दुर्गंध के कारण आस-पास में फैलने लगा था।

बेवफा पत्नी बोली- हां मैंने मारा

पड़ोस के लोगों ने ही सन्हौला पुलिस को दुर्गंध फैलने पर आशंका व्यक्त करते हुए सूचना दी थी। तब उक्त सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को बरामद कर लिया था। फिर पुलिस ने सरिता और उसके प्रेमी दिनेश को गिरफ्तार कर लिया था। सरिता ने तब अपना जुर्म कबूल कर बताया था कि किस तरह प्रेमी संग पति का धारदार हथियार से गला रेत दिया गया था। खुद अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने सन्हौला थाने पहुंच गई थी। अपने बेटे को फोन कर यह सूचना भी सरिता ने दी थी कि उसके पिता लापता हैं। जब भेद खुला तब पुलिस घर पहुंच शव बरामद किया था। तब घर में कई जगह खून के धब्बे भी मिले थे। एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाया था।

दिनेश से पत्नी की नजदीकी का विरोध करता था कैलू

सन्हौला-घोघा मुख्य पथ पर कैलू दास ने परिवार के सहयोग से होटल और दुकान खोल रखी थी। होटल चलाने के दौरान उसकी पत्नी से दिनेश यादव की नजदीकियां बन गई थी। उसका आना-जाना लगा रहता था। पति को इस बात का आभास हो गया था। पति इसका विरोध करता था। इस कारण पति-पत्नी में हमेशा विवाद होने लगा था। पत्नी ने स्वीकार किया था कि एक दिन उसके पति ने दिनेश यादव के साथ उसे देख लिया था। उसके बाद सरिता ने पति का बांह जोर से दबाया और दिनेश ने धारदार हथियार से गला रेत दिया था। फिर दिनेश ने कुदाल से घर में गड्ढा किया और शव को दफन कर दिया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने तब हत्याकांड के उदभेदन में अहम भूमिका निभाई थी।

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