कहने को तो यह महज दो सीटो़ं के लिए उपचुनाव है, मगर इस चुनाव में स्तर से नीचे जाकर दोनों तरफ से वार भी जमकर किए गए। यह पहला चुनाव होगा जब राज्य के नए सियासी समीकरणों की भी अग्निपरीक्षा होगी।

बिहार की दो विधानसभा सीटों – मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव के लिए मंगलवार को प्रचार थम गया। गुरुवार को यहां मतदान होगा। यह पहला चुनाव होगा, जब नए सियासी समीकरणों की भी अग्निपरीक्षा होगी। दोनों गठबंधन के बदले साथियों में इस बार जदयू-राजद, कांग्रेस और हम समेत वामदलों का महागठबंधन एक तरफ हैं तो दूसरी ओर एनडीए में अब भाजपा के साथ चिराग पासवान आ गए हैं। हां-ना करते हुए अंतत चिराग ने भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार का मोर्चा संभाल लिया। पशुपति कुमार पारस की अगुआई वाली रालोजपा पहले से भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रही है। 

जमकर हुई बयानवाजी

कहने को तो यह महज दो सीटो़ं के लिए उपचुनाव है, मगर इस चुनाव में स्तर से नीचे जाकर दोनों तरफ से वार भी जमकर किए गए। महागठबंधन की ओर से जहां राजद नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, हम अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने मोर्चा संभाला तो एनडीए के ओर से केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय, सांसद सुशील मोदी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल लगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार में तो नहीं गए पर वीडियो संदेश के जरिए मोकामा में राजद उम्मीदवार को जीताने की अपील की।

मोकामा में दो बाहुबलियों की प्रतिष्ठा दांव पर

यह भी दिलचस्प है कि मोकामा में दो बाहुबलियों की पत्नियां अलग-अलग गठबंधन से मैदान में है। बाहुबली अनंत सिंह राजद के विधायक थे। एक मामले में उनको सजा होने के बाद यह सीट खाली हुई है। राजद ने इस बार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को अपना उम्मदीवार बनाया है। दूसरी ओर, भाजपा ने भी मुकाबले में उसी इलाके के बाहुबली नलिन रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को उम्मीदवार बनाया है। इस तरह मोकामा उपचुनाव में दोनों बाहुबलियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा विधायक सुवाष सिंह के निधन से रिक्त गोपालगंज की सीट पर भाजपा ने इस बार सुवाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को उम्मीदवार बनाया है। उनके मुकाबले में राजद ने मोहन प्रसाद गुप्ता को उतारा 

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