भाईदूज का त्योहार आज यानी 27 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक कर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। जानें शुभ मुहूर्त-
भाई बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज 27 अक्तूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व रक्षाबंधन के भी पहले से सनातनी संस्कृति का हिस्सा रहा है। स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण दोनों में ही इसकी महत्ता वर्णित है। वहीं कायस्थ समाज के लिए यह दिन भगवान चित्रगुप्त पूजा के रूप में विशिष्ट मान्यता रखता है।
महावीर पंचांग के संपादक पं. रामेश्वरनाथ ओझा बताते हैं कि शास्त्रत्तें में इस संदर्भ का निरूपण नारी सम्मान के रूप में किया गया है। इस दिन भाई अपनी विवाहित बहन के घर जाकर उसका समादर करें। उनके हाथ का पका भोजन ग्रहण कर सामर्थ्य अनुसार द्रव्य, वस्त्रत्त-मिष्ठान आदि उपहार भेंट करे। यदि बहन अविवाहित और छोटी है तो भाई उसकी इच्छानुसार भेंट दे। लोक मान्यताओं में गोधना पूजन को विशेष महत्व दिया गया है। महिलाएं समूह में रूई में बेसन लगा कर लंबी मालाएं बनाएंगी। भड़ेहर में भरा गया खड़ा चना निकाल कर पूजा जाएगा।
जानें भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त-
भाई दूज प्रात 06:06 से शाम 05:20 बजे तक
चित्रगुप्त पूजन प्रात 06:06 से दिन में 02:16 बजे तक
