बिहार के बांका जिले में घर से दशहरे मेले के लिए निकली लड़की ने अपने प्रेमी के साथ सात जीने मरने की कसम खा रखी थी। प्रेमी भी उससे शादी करना चाहता था। चार महीने पहले की दोस्ती आज उम्रभर के बंधन में बंध गई।
बांका जिले के धोरैया प्रखंड में एक साथ काम रहे दो जवां दिलों में पनपा प्रेम मुकम्मल हो गया है। बाराती बने पुलिसकर्मियों ने दोनों प्रेमियों को आशीर्वाद देकर विदा कर दिया। तीन-चार महीने पहले हुई दोस्ती कब प्रेम में बदल गई, दोनों नवदंपतियों को इस बारे में पता ही नहीं चला। साथ जीने और मरने की कसम लेते हुए दोनों ने मंदिर में जाकर शादी रचा ली।
इस मामले में स्वजनों को भनक तक नहीं लगी और बात शादी करने तक पहुंच गयी। भागकर शादी रचाने की बात कह प्रेमी अपनी प्रेमिका को दशहरा मेला दिखाने झारखंड राज्य के गोड्डा जिले ले गया। फिर वहां से महानगर सिकंदराबाद निकलने की तैयारी थी। इसी बीच लड़का शादी से इन्कार कर लड़की को छोड़ भागने की फिराक खोजने लगा। इस बीच पांच दिनों तक अलग -अलग जगहों पर दोनों ठिकाना बदलता रहा। लड़की होशियार निकली। उसने मौका लगाकर गोड्डा जाने के क्रम में रविवार सुबह प्रेमी को साथ लेकर पंजवारा थाना पहुंच गई । लड़की ने पुलिस को आपबीती सुनाकर शादी करने की जताई इच्छा दोनों थे बालिग, पुलिस ने कहा दी शादी
थानाध्यक्ष से आपबीती सुनाई। थानाध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को देख लड़के को हिरासत में ले लिया। इस बीच लड़की ने अपने घर फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी देकर स्वजनों को पंजवारा थाना बुला लिया। लड़का के इश्क़ का भूत थाना पहुंचकर हवा हो चुका था। उसने अपने स्वजनों को मामले की जानकारी फोन पर दी। लेकिन उसके घर से कोई थाना तक नहीं आया। अंत में पांच छह घंटे के बाद लड़के ने शादी रचाने की रजामंदी दी।
तब आनन फानन में कन्या पक्ष के स्वजनों की मौजूदगी में पंजवारा के गढ़ीनाथ शिवमंदिर में बिन बाजा, बिन बारात एक दूसरे के गले में वरमाला डाल मांग में सिंदूर भर शादी की रस्म पूरी की गई। लड़का, लड़की दोनों धोरैया के एक चिकित्सक के नर्सिंग होम में काम कर रहे थे। दोनों बालिग हैं। थानाध्यक्ष अनिल कुमार साव ने बताया कि बालिग होने की स्थिति में दोनों ने शादी करने की इच्छा जताई। इसके बाद शादी करने के बाद दोनों को स्वजनों के साथ भेज दिया गया है।