भागलपुर में फिर एकबार डॉल्फिन की मौत हुई है. इस्माइलपुर प्रखंड कार्यालय के समीप डॉल्फिन मृत अवस्था में पाइ गयी. विगत छह महीने के अंदर ये तीसरी डॉल्फिन की मौत है.

इस्माइलपुर प्रखंड कार्यालय के समीप स्पर संख्या 01 पर गंगा किनारे मंगलवार की सुबह फिर एक मृत डॉल्फिन मिली. इसे मार दिये जाने की आशंका है. सूचना मिलने पर नवगछिया वन क्षेत्र के रेंज पदाधिकारी पीएन सिंह दल-बल के साथ वहां पहुंचे और डॉल्फिन का शव पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर के सुंदरवन ले गये.

डॉल्फिन का शव बहते पानी में मिला

रेंज पदाधिकारी ने बताया कि डॉल्फिन का शव बहते पानी में मिला है. इसे मार दिये जाने की आशंका है. इसकी उम्र काफी कम है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी मौत के कारण का पता चलेगा. बता दें कि इसी जगह मार्च में भी एक मरी डॉल्फिन मिली थी. बिहार के वन व पर्यावरण विभाग के सचिव ने जांच कराने का निर्देश दिया था, लेकिन आजतक उस पर कुछ भी नहीं हुआ है. नवगछिया अनुमंडल में अलग-अलग गंगा घाटों पर मरी हुई डॉल्फिनें मिल चुकी हैं.

पिछले छह माह में तीन डॉल्फिनों की मौत

सुल्तानगंज से कहलगांव के बीच डॉल्फिन सेंचुरियन बनने के बावजूद डॉल्फिन की सुरक्षा नहीं हो पा रही है. डॉल्फिन मित्र की नियुक्ति वन विभाग की ओर से की गयी है, लेकिन पिछले छह माह में तीन डॉल्फिनें मर चुकी हैं. नवगछिया वन क्षेत्र पदाधिकारी ने अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज भी कराया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बता दें कि डॉल्फिन की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग आवाज उठाते रहते हैं लेकिन आजतक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है.

विशेष तौर पर निगरानी जरुरी

डॉल्फिन के बारे में जानकार कहते हैं कि ये जीव ऐसा है जो उसी जगह मिलेंगे जहां गंगा का साफ पानी होता है. लेकिन इसकी सुरक्षा का ख्याल हम सबों को रखना होगा. खासकर मछुआरों पर विशेष निगरानी की जरुरत है. डॉल्फिन की मौत जाल में उलझकर भी होती है और मछुआरों पर विशेष तौर पर निगरानी जरुरी है. प्रतिबंधित जालों का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. बता दें कि भागलपुर में डॉल्फिन सेंचुरियन बनने के बावजूद इस तरफ कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है.

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