अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरी बार के अफेंडर (दूसरी बार शराब पीकर गिरफ्तार होने वाले) पर कार्रवाई करने में तत्परता दिखाएं। ऐसे मामले में शीघ्र ट्रायल कराकर आरोपितों को सजा दिलाएं। दूसरी बार शराब पीकर गिरफ्तार होने वाले को एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

भागलपुर : मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बुधवार को प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय सभागार में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए भागलपुर और बांका जिला में की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्पाद और पुलिस विभाग शराब तस्करों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग छापेमारी अभियान चलाएगी। उत्पाद विभाग जिला पुलिस की मदद तभी लेगा, जब विधि व्यवस्था की समस्या या उनकी सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो जाए। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग द्वारा शराबी और शराब तस्करों की गिरफ्तारी का आंकड़ा पुलिस की तुलना में काफी अधिक है। यह स्थिति तब है जब पुलिस के पास अधिक संसाधन है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नौ सितंबर से सूबे में शराब तस्करी मामले में जब्त वाहनों की नीलामी प्रक्रिया बदल जाएगी। अभी एमएसटीसी साफ्टवेयर के माध्यम से जब्त वहानों की नीलामी होती है। आनलाइन प्रक्रिया में एक नियत रकम अदा करने के बाद कोई व्यक्ति नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। अब डीएम के स्तर से वाहनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरी बार के अफेंडर (दूसरी बार शराब पीकर गिरफ्तार होने वाले) पर कार्रवाई करने में तत्परता दिखाएं। ऐसे मामले में शीघ्र ट्रायल कराकर आरोपितों को सजा दिलाएं। दूसरी बार शराब पीकर गिरफ्तार होने वाले को एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने उत्पाद एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को शराब सप्लाई की चेन तोड़ने के लिए लगातार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शराबियों की निशानदेही पर छापेमारी कर शराब तस्करों को गिरफ्तार करें। शराब की सप्लाई चेन तोड़ने के बाद ही शराबबंदी अभियान को सफल बनाया जा सकता है। भागलपुर और बांका जिला झारखंड की सीमा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त को झारखंड के सीमावर्ती जिला देवघर, गोड्डा, साहिबगंज के डीसी के साथ बैठक कर शराबबंदी अभियान को सफल बनाने में उनका सहयोग लेने के लिए कहा गया।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बांका में झारखंड की सीमा पर भलजोर में अत्याधुनिक चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। चेकपोस्ट में सीसीटीवी कैमरा, सर्विलांस, वेट मशीन, स्कैनर आदि लगे रहेंगे। चेकपोस्ट निर्माण पर जितनी राशि की आवश्यकता होगी, उतनी राशि उपलब्ध कराई जाएगी। समीक्षा बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय, डीआइजी विवेकानंद, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी वारिश खान, प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव अभय कुमार सिंह, दोनों जिलों के डीएम, एसपी, उत्पाद अधीक्षक, जीविका डीपीओ, सभी एसडीओ, एसडीपीओ आदि मौजूद थे।

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