भागलपुर में जमीन दलाली का करोड़ों का कारोबार फल-फुल रहा है. इस बीच इनकम टैक्स की रेड से जमीन कारोबारियों में हड़कंप है. अधिकतर कारोबारियों ने शहर छोड़ दिया है.
भागलपुर में हर इलाके में जमीन के दलाल भरे पड़े हैं. बिना दलाल के जमीन खरीदने या बेचना बहुत ही कम मामलों में होता है. खासकर शहरी इलाकों व इससे सटे क्षेत्रों में दलालों का ही राज चलता है.
दलाली की रकम
जमीन खरीद-बिक्री की दलाली की रकम की बात करें, तो यह करोड़ों में है. इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जुलाई तक जिले में सात अरब 18 करोड़ 71 लाख 51 हजार 328 रुपये की जमीन के 7099 प्लॉट बिके हैं. जिला निबंधन कार्यालय में यह आंकड़े दर्ज हैं.
चार महीने में जमीन बिकने की रकम 7.18 अरब
इस साल चार महीने में जमीन बिकने की 7.18 अरब की रकम सरकारी है. लोगों से की गयी बातचीत में यह बात सामने आयी कि बड़े स्तर के दलाल अधिकतम तीन प्रतिशत दलाली लेते हैं. इस लिहाज से देखें, तो सरकारी रकम के अनुसार चार करोड़ रुपये महीना दलालों की जेब में जा रहा है. लेकिन आम लोग व जमीन दलाली के पेशे से जुड़े लोग यह कहते हैं कि जमीन मालिक से अगर कोई जमीन दलाल द्वारा दो लाख रुपये लिये जाते हैं, तो उसकी बिक्री वह तीन से पांच लाख रुपये में करता है. इस हिसाब से दलाली की रकम अरब को भी पार सकती है.
सबसे अधिक जमीन-फ्लैट की बिक्री
पिछले 31 साल में भागलपुर जिले में सबसे अधिक जमीन-फ्लैट की बिक्री वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुई. इस वर्ष मार्च क्लोजिंग करने के बाद एक साल में जिले के तीनों रजिस्ट्री कार्यालयों ने मिल कर 210.49 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में हासिल किया. इस वर्ष जिले को 193.95 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह करने का लक्ष्य मिला था.
नया रिकॉर्ड कायम किया
उपलब्धि का प्रतिशत देखें, तो यह 108.53 प्रतिशत रहा. वर्ष 1990 में जिले को रजिस्ट्री का टारगेट मिला था. इसके बाद सबसे अधिक वर्ष 2018-19 में लगभग 182 करोड़ रुपये प्राप्त किया गया था. इस रिकॉर्ड को इस साल भागलपुर, कहलगांव व बिहपुर रजिस्ट्री कार्यालयों ने तोड़ कर नया रिकॉर्ड कायम किया.
छापेमारी से जमीन कारोबारियों में हड़कंप, कई ने शहर छोड़ा
इनकम टैक्स टीम द्वारा शहर के 15 से अधिक व्यापारियों और जमीन से जुड़े कारोबारियों के यहां बुधवार को छापेमारी की गयी. इसके बाद शहर में जमीन से जुड़े कारोबारियों में हड़कंप मच गया है. इसके बाद कई जमीन कारोबारियों ने तो अपना मोबाइल ऑफ कर लिया, तो कई ने शहर छोड़ दिया. हाल के कुछ वर्षों में जमीन के कारोबार से जुड़ कर कई ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है. शहर में जमीन के कारोबार से जुड़े ऐसे लोग भी हैं जो नौकरीपेशा हैं.