बिहार के बांका जिले में फर्जी पुलिस गिरोह और थाने के भंडाफोड़ के बाद इसके मुख्य सरगना की गिरफ्तारी भी हो गई है। भोला यादव नाम के शख्स की गिरफ्तारी सुल्तानगंज से की गई है। 8 महीने से संचालित फर्जी पुलिस स्टेशन मामले में कई राजफाश हो सकते हैं।
बांका: चार दिन पहले शहर के अनुराग होटल से पुलिस में बहाली और सरकारी योजनाओं में जांच के नाम पर अवैध वसूली मामले में फरार मास्टरमाइंड भोला यादव को पुलिस ने भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से गिरफ्तार किया है। उस समय पुलिस ने फर्जी दारोगा, मुंशी व डीएसपी को एक कट्टा के साथ गिरफ्तार किया था। इधर, रविवार की सुबह टेक्निकल सेल की मदद से भोला यादव को उसके ससुराल सुलतानगंज से गिरफ्तार कर लिया गया। टाउन थाना में पुलिस भोला से पूछताछ कर रही है। भोला जिले के फुल्लीडुमर निवासी है। वे युवाओं को पुलिस में नौकरी लगाने के नाम ठगी करता था। एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि भोला से पूछताछ की जा रही है।
इस मामले में गिरफ्तार पांच लोगों में एक तथाकथित महिला दारोगा है, जो बिहार पुलिस की फुल ड्रेस में गिरफ्तार की गई थी। उसके पास एक पिस्टल भी थी। वहीं दूसरा आकाश कुमार है खुद को इस फर्जी थाने का चौकीदार बता रहा था। कथित दारोगा का नाम अनिता बताया जा रहा है।
भोला यादव गिरफ्तार
इस मामले में अनीता ने बताया कि वह बांका जिले के फुल्लीडुमर के दुधघटिया की रहने वाली है, उसे फुल्लीडुमर के ही भोला यादव ने फर्जी दारोगा बनाकर बांका के कार्यालय में तैनात किया था। अपने काम के बारे में बताते हुए उसने कहा कि जहां कहीं भी सरकारी आवास आदि बनता था, ये वहां जांच करने के लिए जाते थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि यह पूरी तरह से जालसाजों का गिरोह है, जो पटना स्कॉर्ट टीम नाम से बांका में एक कार्यालय संचालित करता था। यहां से पुलिस वर्दी में कुछ संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी की गई है। कार्यालय से भी कुछ कागजात, बिहार पुलिस की वर्दी, बैज सहित अन्य सामान जब्त किए गए हैं। एसपी की मानें तो यह गिरोह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पुलिस की नौकरी का झांसा देकर पैसा ठगता था। इन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।